केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा  कि सशस्त्र बलों ने महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल करने का फैसला किया है।केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि सशस्त्र बलों के साथ-साथ सरकार के उच्चतम स्तर पर भी निर्णय लिया गया है कि महिलाओं को एनडीए के माध्यम से स्थायी कमीशन के लिए शामिल किया जाएगा।

 

जस्टिस एसके कौल की बेंच ने कहा कि हमें यह जानकर बेहद खुशी हुई कि सशस्त्र बलों ने खुद महिलाओं को एनडीए में शामिल करने का फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कहा, हम चाहते हैं कि रक्षा बल लैंगिक समानता के प्रति अधिक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाएं.बजाय इसके कि अदालत उन्हें ऐसा करने का निर्देश दे.अदालत ने केंद्र को हलफनामा दाखिल करने के लिए दस दिनों का समय दिया है. सुप्रीम कोर्ट 22 सितंबर को मामले की सुनवाई करेगा।

 

इससे पहले केस की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि महिलाओं को एनडीए परीक्षा में मौका न देना, उनके मूलभूत अधिकारों के हनन का मामला नहीं है. यही नहीं, केंद्र सरकार ने कहा था कि एनडीए के जरिए आने वाले पुरुष कर्मचारियों को उनके मुकाबले करियर में कोई स्पेशल बढ़त नहीं मिलती. महिलाओं के लिए सेना में एंट्री का एकमात्र रास्ता शॉर्ट सर्विस कमीशन ही रहा है.शीर्ष अदालत ने सेना से महिलाओं को भी परमानेंट कमीशन में लिए जाने को कहा था.

 

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