छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने अब बिजली उपभोक्ताओं के मीटरों की रीडिंग का पैटर्न बदल दिया है। हालांकि पूरी व्यवस्था के बदलाव में समय लगेगा, लेकिन इसका आगाज कर दिया गया है। अब हर माह एक से लेकर 15 तारीख तक ही रीडिंग होगी। अब तक पूरे माह रीडिंग होती है। रीडिंग का काम ठेका देकर कराया जाता है। अब इसमें भी बदलाव किया जा रहा है। अब सीधे बेरोजगार युवाओं से रीडिंग का काम लिया जा रहा है। इसके लिए कंपनी ने अपना साफ्टवेयर भी बना लिया है।
प्रदेश में 55 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता हैं। इनकी रीडिंग का काम लंबे समय से ठेके पर चल रहा है। शहर से लेकर गांवों तक अलग-अलग ठेकेदार यह काम करते हैं। जो ठेकेदार काम लेते हैं, उनके कर्मचारी पूरे माह रीडिंग का काम करते हैं। इसमें भी बहुत मनमर्जी होती है। लगातार यह शिकायत रहती है कि समय पर रीडिंग नहीं की जाती है। कई उपभोक्ताओं की रीडिंग 3 दिन से सप्ताह भर विलंब से भी होती है। नई व्यवस्था में अब ऐसा नहीं होगा।
कंपनी ने अब रीडिंग की व्यवस्था में बदलाव किए हैं। पहला तो ठेका प्रथा को समाप्त करने का फैसला हो चुका है। अब सीधे बेरोजगार युवाओं से रीडिंग का काम प्रारंभ कराया गया है। इसको 15 दिनों तक रीडिंग करने कहा गया है। हर रीडर को रोज सौ मीटरों की रीडिंग करनी है। 15 दिन में 15 सौ मीटरों की रीडिंग होगी। यानी एक से लेकर 15 तारीख तक रीडिंग पूरी हो जाएगी। कंपनी के अधिकारियों का कहना है, ऐसा होने से हर माह बचे 15 दिनों के अंदर ही सभी उपभोक्ताओं के बिल जमा करने की तारीख होगी। ऐसे में उपभोक्ता जब बिल जमा करेंगे तो एक माह में ही सभी का बिल जमा हो जाएगा। इससे राजस्व की गणना में आसानी हो जाएगी।