भास्कर न्यूज| जांजगीर पीएम नरेंद्र मोदी की परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम को सफल बनाने के प्रयास में प्रशासनिक अफसर जुट गए हैं। दो दिन तक पहले जिले में पंजीयन की निराशाजनक स्थिति थी, तब जो लक्ष्य मिला था, उसमें मात्र 0.7 फीसदी ने पंजीयन कराया था। यह आंकड़ा प्रदेश के औसत से भी कम था। इस पर भास्कर ने 31 दिसंबर को खबर प्रकाशित की थी। इसे कलेक्टर आकाश छिकारा ने गंभीरता से लिया और उनकी कड़ी मानिटरिंग के बदौलत महज दो दिन में पंजीयन में सुधार आया। 51 प्रतिशत टारगेट को पूरा कर लिया गया है। टारगेट अचीव करने के मामले में फिलहाल जांजगीर-चांपा जिला पहले नंबर पर चल रहा है। जांजगीर-चांपा जिले में 12709 छात्रों का पंजीयन कराने का लक्ष्य मिला है, पर रविवार तक मात्र 914 पंजीयन ही हो पाया था। इसके पीछे शिक्षा विभाग में तालमेल की कमी बताई जा रही थी। इस पर 31 जनवरी को खबर प्रकाशित की गई तो कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के डीईओ, बीईओ और डीएमसी की बैठक ली। दो दिन में ही आंकड़ा 40 फीसदी से ऊपर लाने का लक्ष्य उन्हें दिया। उनकी कड़ी मानिटरिंग रंग लाई और महज दो दिन बाद स्थिति बदल गई और 51 फीसदी से ज्यादा पंजीयन कराकर जिला प्रदेश में पहले स्थान पर चल रहा है। यह स्थिति ऐसे समय में है, जब पंजीयन कराने के लिए 14 जनवरी तक का समय बचा हुआ है। पंजीयन कराने के मामले में पड़ोसी जिलों की स्थिति चिंताजनक है। सबसे खराब स्थिति बिलासपुर की है। यहां अब तक केवल 1.94 प्रतिशत पंजीयन ही हो पाया है। कोरबा में 35 और रायगढ़ में अब तक 40.7 फीसदी पंजीयन हो पाया है। इसके अलावा जशपुर में 14, कबीरधाम में 5.94 प्रतिशत ही ही पंजीयन हो पाया है। टॉप 5 में ये जिले हैं शामिल 1. जांजगीर-चांपा 51.12 2. सरगुजा 49.7 3. सुकमा 48.33 4. एमसीबी 46.88 5. कोरिया 45.85 पड़ोसी जिले की स्थिति चिंताजनक परीक्षा पर चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण बोर्ड एग्जाम को लेकर छात्रों के अंदर डर और तनाव दोनों होता है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बच्चों के भीतर से इस डर और तनाव को समाप्त करने के लिए हर साल परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम करते हैं।