कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र कांकेर के सभागार में आज राष्ट्रीय किसान दिवस का आयोजन किया गया, जिसे संबोधित करते हुए कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र सिंगारभाट के अधिष्ठाता डॉ. देवशंकर ने कहा कि कृषि शिक्षा के माध्यम से कृषकों को सशक्त बनाने के लिए नवीन तकनीकों को अमल कर अपने फसल उत्पादन को बढ़ाकर बाजार व्यवस्था को सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने प्रदेश स्तर पर संचालित कृषि शिक्षा पद्धति के संबंध में अवगत कराया। ग्राम देवकोगेंरा के श्रीमती आर.बी.कोड़ोपी ने महिलाओं को अपील करते हुए कहा कि स्व-सहायता समूहों के द्वारा निर्मित किये जा रहे कार्यां को कृषि रोजगार के रूप में सुदृढ़ करें और नवीन जानकारी को हासिल कर अमल में लाते हुए आर्थिक स्थिति को मजबूत करें। ग्राम खमढ़ोड़गी के प्यारे सिंग मण्डावी ने अपने उदबोधन में कहा कि कृषि उपज के अलावा आय के सहायक साधन के बारे में जानकारी हासिलकर अतिरिक्त आय के साथ रोजगार को बढ़ावा दिया जाये।
सहायक प्राध्यापक डॉ.ए.कुरैशी ने प्रशिक्षण के माध्यम से किसानां द्वारा अनाज के उत्पादन एवं मानव जीवन के लिए अनाज का महत्ता पर जानकारी दिया। डॉ. पीयूषकांत नेताम ने सीताफल में पौध संरक्षण के उपाय के संबंध में जानकारी दी। डॉ. फूल सिंह मरकाम ने सीताफल उत्पादन की उन्नत तकनीक एवं सीताफल से पल्प निकालना, पैकिंग करना एवं आईस्क्रीम बनाने की विधि के बारे में अवगत कराया। डॉ. प्रमोद कुमार नेताम ने सीताफल को बाजार में बेचने के तरीका और आने वाले समय में संम्भावना से अवगत कराया। अनिल कुमार नेताम, देव चन्द सलाम, सहायक प्राध्यापक व इंजीनियर गंगाधर भगत, सहायक ग्रंथपाल अनिल कुमार उसेण्डी ने किसानों के फसल उत्पाद को बाजार में विपणन एवं उत्पाद को सही स्थान व उचित समय पर उचित दाम में विक्रय के संबंध में सुझाव दिये। कार्यक्रम में सम्मिलित प्रशिक्षणार्थियों द्वारा आईस्क्रीम तैयार करने की विधि को प्रयोगिक तौर पर किया गया। कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी व ग्राम देवकोगेंरा, खमढ़ोड़गी, कोकपुर एवं पत्थर्री के महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य एवं कृषकगण सम्मिलित हुए।