साल 2021 से लेकर 2023 तक प्रदेश के कई गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया। ये सोलर स्ट्रीट लाइट पंचायत विभाग के अलग-अलग मदों समेत प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, खनिज न्यास निधि, क्षमता विकास निधि के करोड़ों रुपए खर्च कर लगाई गई। इन्हें लगाने के लिए कहीं पंचायतों का प्रस्ताव नहीं लिया गया, तो कहीं विभागों की ही अनुमति नहीं ली गई। गैर पारंपरिक ऊर्जा संबंधी कामकाज को लेकर शासन के क्रेडा से सलाह लेने व इनसे काम कराने जैसे नियमों को भी नजर अंदाज करते हुए जमकर मनमानी की गई। बस्तर संभाग में खनिज न्यास निधि यानी डीएमएफ और क्षमता विकास निधि की राशि को हड़पने यह योजना तैयार की गई। बस्तर के लोहंडीगुड़ा, तोकापाल, दरभा और बस्तानार के 181 गांवों में 3620 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की इस योजना में 47600 रुपए प्रति स्ट्रीट लाइट की दर से 17.23 करोड़ रुपए के स्ट्रीट लाइट लगा दी गई। इतना ही नहीं सुकमा जिले के 9 गांवों में भी 180 स्ट्रीट लाइट लगाई गई। इसी तरह कोंडागांव, कांकेर व जांजगीर जिलों के गांव-गांव में चौक-चौराहों पर सोलर लाइट लगाई गई। विधायकों की सिर्फ एक चिट्ठी पर कंपनियों ने काम कर दिए। न सरकार से अनुमति ली गई, न विभागीय मंत्री ने इसके लिए कोई आदेश जारी किए, लेकिन बिना प्रक्रिया पूरी किए, बिना टेंडर के ही काम पूरा करा लिया गया। कई गांवों में पंचायतों की बिना अनुमति के सोलर लाइट लगा दी गई। एक-एक जनपद पंचायत क्षेत्र में फर्मों ने बिना टेंडर और प्रशासनिक अनुमति के 6-6 करोड़ रुपए के काम किए। काम के लिए सरकारी अनुमति न होने के बाद भी कई जनपदों से इस काम को करने वाले कंपनियों को भुगतान भी कर दिया गया। क्रेडा की चिट्ठी का असर नहीं : प्रदेश में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने साल 2014 में एक चिट्ठी सभी विभागाध्यक्षों व कलेक्टर्स को लिखी। उन्होंने लिखा कि गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के काम क्रेडा से ही कराए जाएं। ताकि गुणवत्ता भी प्रभावित न होने पाए। इसके बाद 2020 में भी एक चिट्ठी लिखी गई। बस्तर के दरभा ब्लॉक के चितापुर-2 गांव में इस तरह 20 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाए गए थे। ज्यादातर खराब हो चुके हैं। जािनए… किस जिले में कितने रुपए के हुए काम ऐसे समझें… पीएम आदर्श गांव, कहीं आदि आदर्श गांव तो कुछ जगह डीएमएफ की राशि से हुए काम केस-1 साल 2019-20 में जांजगीर-चांपा जिले के 30 गांवों का चयन प्रधानमंत्री आदर्श गांव के लिए किया गया था। 6.60 करोड़ रुपए की पहली किस्त से 29 गांवों में 20-20 सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाए गए। एक गांव ने लगवाने से इनकार कर दिया। क्रेडा को किनारे करते हुए इस काम के लिए अधिकारियों ने 3 सदस्यीय कमेटी बना इसे अंजाम दिया। केस-2 साल 2024 में प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत कोंडागांव जिले के ग्राम पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए जैम पोर्टल के माध्यम से 8.02 करोड़ का टेंडर जारी किया गया। मामले में गुणवत्ताहीन लाइट लगाए जाने की शिकायत हुई। इस टेंडर के अपलोड शेड्यूल में भी छेड़छाड़ की गई। मंत्री रामविचार नेताम ने इस मामले जांच की घोषणा की। केस-3 कांकेर में डीएमएफ (खनिज न्यास निधि) से साल 2021-22 में जनपद पंचायत अंतागढ़ के ग्राम पंचायत बोंदानार में 30 सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए स्वीकृति दी गई थी। लेकिन सोलर लाइट लगे बिना ही 14.40 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। जांच के बाद उस समय के जपं सीईओ, सब इंजीनियर विद्युत, फर्म के खिलाफ मामला दर्ज कराया। जनपद सदस्यों ने काम के लिए लिखी थी चिट्ठी बस्तर संभाग में जहां डीएमएफ व क्षमता विकास निधि की राशि से विकास कार्य कराए जाने थे, वहीं जांजगीर व कोंडागांव में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम के अंतर्गत विकास कार्य होने थे। ऐसे में पहले पंचायतों से इसके लिए एक ही फार्मेट में प्रस्ताव मंगाए गए। इन प्रस्तावों के साथ विधायकों व जनपद पंचायत के सदस्यों ने तत्कालीन पंचायत मंत्री को अनुशंसा के लिए पत्र लिखा। इस कार्य के लिए प्रक्रिया जारी ही थी और बिना कार्यादेश के ही अलग-अलग फर्म ने स्ट्रीट लाइट लगा दी। क्रेडा से काम न कराना पड़े इसलिए हाइब्रिड मॉडल क्रेडा के जरिए पहले पहुंचविहीन गांवों में सोलर लाइट लगाए जाते थे। ये स्टैंड अलोन सोलर स्ट्रीट लाइट होते थे। बाद में क्रेडा ने इस काम से हाथ खींच लिए। क्रेडा ने इसके इंडिविजुअल मॉड्यूल की बजाय सेंट्रलाइज्ड मॉड्यूल पर फोकस किया। यहीं से ठेकेदार और अफसरों ने लूप निकाल लिया और एक-एक स्टैंड अलोन सोलर स्ट्रीट लाइट का हाइब्रिड मॉडल लेकर आ गए। अलग-अलग विभागों को न सिर्फ कार्य एजेंसी बनाया, बल्कि फंसने से बचने पर्चेस नियमों का हवाला देकर काम करने लगे। प्रधानमंत्री आदि आदर्श योजना के तहत हुए कामों की जिला पंचायत सीईओ ने जांच की है। उसके बाद आगे की स्थिति का पता लगाया जाएगा। डीएमएफ से यदि सिंगल अलोन सोलर स्ट्रीट लाइट के काम हुए हैं, तो उसकी भी जानकारी ली जाएगी।- एस. हरीश, बस्तर कलेक्टर