ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मदरसों के सर्वेक्षण के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य में आरएसएस समर्थित सरकार है। जो मुसलमानों के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार करती है।

यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वेक्षण कराने के योगी सरकार के फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मोर्चा खोल दिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मदरसों के सर्वेक्षण के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए इसे मुसलमानों के प्रति सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया करार दिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बयान जारी कर कहा कि आरएसएस की विचारधारी की प्रतिनिधि पार्टी केंद्र और कई राज्यों में है जो खुले तौर पर मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक विचार रखती है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी की तरफ से जारी प्रेस नोट में पीएम मोदी को लेकर कहा कि पीएम संविधान की बात करते हैं लेकिन कई राज्यों में उनकी पार्टी की सरकार बिलकुल विपरीत व्यवहार करती है।

दूसरी तरफ जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने भी मदरसों के सर्वे के फैसले को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को जमीयत उलमा-ए-हिन्द की दिल्ली में अहम बैठक हुई जिसमें सभी जिलों में मौजूद 150 मदरसों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में तीन बातों पर सहमति बनी। पहली ये कि इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार से मिलकर बात की जाएगी।

दूसरी मदरसों से जुड़े सभी मामलों को देखने के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जाएगा और तीसरी कि मदरसों को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।  गौरतलब है कि योगी सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों से सभी जिलों में संचालित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की रिपोर्ट एक महीने के भीतर देने को कहा है। जमीयत उलमा-ए हिंद योगी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है।

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