वारिस की चाहत में एक संभ्रांत कहे जाने वाले परिवार ने बहू पर बेइंतहा अत्याचार किए। सास ने उसे 1500 से अधिक बार एस्टेरॉयड के इंजेक्शन दिलाए ताकि बेटा पिता बन सके। गैरकानूनी तरीके से भ्रूण की लिंग जांच कराई, और पति ने आठ बार जबरन गर्भपात कराया।
मुंबई के दादर की 40 साल की एक महिला ने सास और पति के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है। लड़की के पिता एक रिटायर्ड जज हैं। बेटी का पति और सास वकील हैं और ननद चिकित्सक।
आरोप है कि शादी के कुछ समय बाद ही उसे उसके पति ने पीटना शुरू कर दिया। 2009 में उसने बेटी को जन्म दिया था। इसके दो साल बाद जब वह फिर गर्भवती हुई तो जबरन गर्भपात कराने का सिलसिला शुरू हुआ।
महिला का कहना है कि उसका पति उसे जबरदस्ती डॉक्टर के पास ले जाता, जहां जांच के बाद कहलवाया जाता कि वह बच्चा नहीं चाहती है, इसलिए गर्भपात करवा रही है। बेटा ही पैदा हो, इसकी जेनेटिक जांच के लिए पति इस महिला को बैंकॉक भी ले गया। उसे कई प्रकार के इलाज और सर्जरी के साथ 1500 से ज्यादा हार्मोनल व स्टेरॉयड इंजेक्शन दिए गए।