सहारा इंडिया की अलग-अलग स्कीम में पैसे जमा कराने वाले छोटे-बड़े निवेशक परेशान हैं। करीब दो साल पहले सहारा रिफंड पोर्टल में आवेदन करने पर पैसे वापस दिलाने का वादा किया गया। निवेशकों ने पैसे मिलने की उम्मीद पर ऑनलाइन आवेदन किया लेकिन कुछ लोगों को ही पैसे मिले हैं और जिन्हें मिले हैं उन्हें भी कुल जमा राशि में से 10 या 35 हजार रुपए ही मिला है। कहा गया था कि बाकी रकम थोड़े थोड़े दिनों में अंतराल में खाते में पहुंचेगी, लेकिन एक बार के बाद पैसे नहीं आए। सैकड़ों लोग तो ऐसे हैं जो अब तक ऑनलाइन आवेदन ही नहीं कर सके हैं। हर बार उनके आवेदन संबंधित पोर्टल से निरस्त हो जाते हैं। हर बार कोई न कोई दस्तावेज की कमी बताकर आवेदन स्वीकार ही नहीं किया जा रहा है। कंपनी की ओर से जारी जानकारी के अनुसार सहारा रिफंड पोर्टल से छोटे निवेशकों को ही रिफंड किया जा रहा है। ये वे पीड़ित हैं जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया है। केस-1 : कटोरा तालाब में रहने वाली कल्पना साहू ने सहारा इंडिया योजना से रकम वापसी के लिए उन्होंने कई बार ऑनलाइन आवेदन करने की कोशिश की, लेकिन एक बार भी आवेदन स्वीकार नहीं हुआ। ऑफिस पहले जहां था वहां ताला लगा है। कई बार चक्कर लगाए, हर बार बंद ही मिला।
केस-2 : जवाहर नगर में रहने वाले शफीक अहमद ने रकम वापसी के लिए आवेदन किया था। उन्हें करीब 80 हजार रुपए वापस मिलने थे। लेकिन एक साल बाद भी उन्हें 10 हजार रुपए से ज्यादा नहीं मिला है। शफीक ने बताया बाकी पैसे कब और कैसे मिलेंगे कोई बताने वाला नहीं है।
केस-3 : रायपुरा में रहने वाली मोनिका यादव ने बताया कि पहली बार आवेदन करने के बाद उन्हें 10 हजार रुपए वापस मिले। इसके बाद बताया गया था कि बाकी रकम धीरे धीरे खाते में जमा होगी। लेकिन अब एक बार के बाद खाते में पैसे नहीं आए। क्यों नहीं आ रहे कहीं पता नहीं चल रहा है। अब जानकारी देने वाला ही कोई नहीं
कंपनी से पैसे कब मिलेंगे इस बारे में लोगों को अब जानकारी भी नहीं मिल रही है। सहारा इंडिया का दफ्तर राज्य के सभी जिलों में नहीं है। इसलिए लोग दफ्तर पहुंचकर भी जानकारी नहीं ले पा रहे हैं। आवेदन करने वालों को भी पता नहीं चल रहा है कि उन्हें पैसे क्यों नहीं मिल रहे हैं। पोर्टल के नियमों के अनुसार जिन निवेशकों के पैसे डूबे हैं उन्हें जमा राशि के दस्तावेजों के साथ सहारा इंडिया कार्यालय की सील हस्ताक्षर भी कराना अनिवार्य किया है। प्रदेशभर में पहले सहारा इंडिया के 132 कार्यालय खोले गए थे। लेकिन बाद में कंपनी पर संकट आने पर ज्यादातर बंद हो गए। अब कुछ प्रमुख जिलों में ही कार्यालय हैं। इस वजह से लोग आवेदन का सत्यापन नहीं करवा पा रहे हैं। नए आवेदनों को बिना ठोस कारण के निरस्त भी कर रहे
सहारा रिफंड पोर्टल में हाल-फिलहाल में जितने भी आवेदन ​किए जा रहे हैं उन्हें कोई न कोई दस्तावेज की कमी बताकर उसे निरस्त किया जा रहा है। सहारा पीड़ित जमाकर्ता-कार्यकर्ता कल्याण संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सहारा सोसाइटी के प्रबंधन द्वारा सत्यापन कर जो डेटा दिया गया है वो अपूर्ण है। प्रबंधन ने डाटा ही बदल दिया है। इस वजह से आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं, या फिर जिनके आवेदन स्वीकार हो रहे हैं उनका डाटा नहीं होने की वजह से उन्हें निरस्त किया जा रहा है। पीड़ित संघ का यह भी दावा है कि निवेशकों को अभी तक जमा राशि का आधा भी नहीं मि​ला है। दावा : दुर्ग वालों को सबसे ज्यादा लौटाए
कंपनी अफसरों के अनुसार रायपुर समेत छत्तीसगढ़ में अभी तक 30 हजार से ज्यादा निवेशकों को 39 करोड़ रुपए वापस किए जा चुके हैं। सहारा इंडिया के पीड़ितों की ओर से बनाए गए संघ का दावा है कि 25 लाख परिवारों के पैसे अब भी सहारा इंडिया में फंसे हैं। केवल रायपुर में ही 100 करोड़ से ज्यादा की रकम कंपनी में निवेश की गई थी। राज्य में सबसे ज्यादा करीब 7 करोड़ दुर्ग जिले के निवेशकों को वापस की गई है।

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