Morbi Bridge News: जानकार बताते हैं कि अगर भीड़ ब्रिज पर चल रही है, तो इसके गिरने की संभावना नहीं होती। हालांकि, अगर भीड़ डेक पर रुक जाए, तो लोड में इजाफा होता है, जिससे केबल पर तनाव बढ़ता है।

मोरबी में मच्छु नदी पर बने ‘झूलतो पुल’ पर घूमने गए करीब 140 लोगों को नहीं पता था कि यह उनकी आखिरी सैर होगी। रविवार शाम जब वे सस्पेंशन ब्रिज का मजा ले रहे थे, तभी वह ढह गया। अब सवाल उठता है कि हाल ही में रिनोवेशन से गुजरे 145 साल पुराने पुल में ऐसा क्या हुआ कि वह गिर गया। हालांकि, जानकार तकनीकी रूप से इसके तीन कारण बता रहे हैं, जिनकी जांच की जानी है। इनमें गलत प्रबंधन, भीड़ की वजह से हुए कंपन्न, ‘सर्विस लाइफ’ शामिल है।

पहले पुल को समझते हैं
सस्पेंशन ब्रिज में टॉवर, केबल, गर्डर्स, केबल के लंगर जैसी चीजें शामिल होती हैं। जानकार बताते हैं कि अगर भीड़ ब्रिज पर चल रही है, तो इसके गिरने की संभावना नहीं होती। हालांकि, अगर भीड़ डेक पर रुक जाए, तो लोड में इजाफा होता है, जिससे केबल पर तनाव बढ़ता है। ऐसे में अगर क्षमता से ज्यादा लोड हो गया है, तो पुल टूट जाएगा।

अब तीन कारणों को समझते हैं
कुप्रबंधन: 
कहा जा रहा है कि अगर अथॉरिटी की तरफ से प्रबंधन का काम ठीक तरह से किया जाता, तो घटना को रोका जा सकता था। इनमें साइन बोर्ड लगाना और एक निगरानी दल तैयार करना शामिल है, जो ध्यान रखता कि पुल पर क्षमता से ज्यादा भीड़ मौजूद न हो। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा लग रहा है कि परिचालन के स्तर पर गलती थी, क्योंकि भीड़ को ठीक से मैनेज नहीं किया गया था।’

भीड़ की वजह से हुए कंपन्न: रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसियों को जांच में पता चला है कि भीड़ और इससे होने वाले कंपन्न की जांच नहीं की गई थी। पुल पर क्षमता से ज्यादा लोग थे और कई लोगों को पुल को हिलाते भी देखा गया था। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि यह पुल की गिरने की मुख्य वजह है।

सर्विस लाइफ: इसका मतलब पुल के जीवन से है कि वह कितने समय तक बगैर किसी परेशानी के अपनी पूरी क्षमता के साथ भीड़ का बोझ उठा सकता है। जानकार बताते हैं कि कुछ समय के बाद पुल का स्ट्रक्चर की स्थिति ऐसी हो जाती है कि उसे और ज्यादा नहीं खींचा जा सकता। उन्होंने बताया कि ऐसे में अगर लोड को कम भी कर दिया जाए, तो भी वह ढह जाएगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक पुल अपनी सर्विस लाइफ के बाद भी काम कर सकता है, लेकिन उसे पुनर्वास या पुनर्निमाण जरूरी है।

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