दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में भीख मांगकर पेट भरने वाले प्रदीप मिश्रा को ड्रग्स खरीदने के लिए 150 रुपये की जरूरत थी, पैसे लूटने के लिए उसने एक शख्स को इतनी बार चाकू मारा की उसकी मौत हो गई

नई दिल्ली : 

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जिसने महज 150 रुपये के लिए एक शख्स की हत्या कर दी. खास बात यह है कि आरोपी के पिता की फैक्ट्री है, घर में सब पढ़े लिखे हैं और अच्छी नौकरी करते हैं. आरोपी शख्स नशे का आदी है जिसके चलते उसने घर छोड़ दिया और आईएसबीटी बस अड्डे के पास भिखारियों के बीच रहता है. वह लोगों से खाना मांगकर खाता है. उसे ड्रग्स खरीदने के लिए 150 रुपये की जरूरत थी. पैसे लूटने के लिए उसने एक शख्स को इतनी बार चाकू मारे की उसकी मौत हो गई.

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी जॉय ट्रिकी के मुताबिक 13 अप्रैल को खजूरी खास इलाके में 27 साल के वरुण को चाकू से गोद दिया गया. वरुण ने चार घंटे बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया. वरुण हमलावर के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाया, सिवाय इसके कि हमलावर ने उसे पीछे से बुलाया और उस पर हमला किया.

वारदात के बाद 25 साल का करण वहां से अपनी स्कूटी से गुजर रहा था, तभी उसने वरुण को सड़क के किनारे हाथ हिलाते देखा. करण उसे पहले भजनपुरा के पेंटाग्राम नर्सिंग होम और फिर ट्रॉमा सेंटर ले गया था. मदद करने वाला करण गुड़गांव में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है.

पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की. शुरुआती जांच में पता चला कि घटना की जगह ओल्ड वजीराबाद रोड है, जो दिन में काफी व्यस्त रहती है. हत्या के पीछे लूट का कारण लग रहा था, क्योंकि मृतक का पर्स गायब था. पुलिस टीम ने इलाके के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले. एक-एक कर सभी संदिग्धों को राउंडअप किया गया. इसके बाद पता चला कि एक संदिग्ध प्रदीप मिश्रा इलाके से गायब है. प्रदीप पर डकैती और झपटमारी के पांच मामले पहले से दर्ज पाए गए.

परिवार का प्रदीप से कोई संपर्क नहीं
उसका अंतिम एड्रेस गाजियाबाद में लोनी का मिला. जब पुलिस टीम वहां पहुंची तो पता चला कि उसकी दादी वहां रहती हैं. उसकी दादी ने पिछले तीन साल से प्रदीप को नहीं देखा था. दादी ने दिल्ली के नांगलोई में एक पता दिया, जहां प्रदीप का परिवार रहता है. पुलिस टीम नांगलोई पहुंची और प्रदीप के परिवार का पता लगाया.

प्रदीप के परिवार ने बताया कि वह दो साल से घर से गायब है और उन्हें प्रदीप से कोई मतलब नहीं है. पुलिस टीम को आखिरकार पता चला कि प्रदीप मिश्रा कश्मीरी गेट के सामने भिखारियों के बीच रहता है और नशे का आदी है. इसके बाद पुलिस ने उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया. प्रदीप ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि उसने लूट के लिए वरुण पर चाकू से कई बार वार किए थे.

पुलिस के मुताबिक 26 साल का प्रदीप एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखता है. उसके पिता नांगलोई में मोजे की एक छोटी प्रेसिंग यूनिट चलाते हैं. उसका छोटा भाई दिल्ली विश्वविद्यालय में सेकेंड ईयर का छात्र है. उसकी छोटी बहन बीटेक कर रही है. उसका एक भाई अमेज़न में नौकरी करता है. लेकिन प्रदीप की नशे की लत के चलते परिवार ने उसे छोड़ दिया है.

साल 2017 में हुई थी प्रदीप की शादी
प्रदीप की शादी 2017 में हुई थी लेकिन उनकी शादी टूट गई. उसे हर दिन स्मैक की 3-4 खुराकों की जरूरत होती है. जब वह स्मैक का इंतजाम नहीं कर पाता तो दूसरे नशे का भी सेवन करता है. उनके अनुसार स्मैक के एक छोटे पैकेट की कीमत दिन के वक्त 300 रुपये है और रात के वक्त 400 रुपये है. नशे के लिए पैसे जुटाने के लिए उसने बीच-बीच में शादियों के रिसेप्शन में वेटर का काम भी किया. वह हनुमान मंदिर में बांटे जाने वाले खाने से अपना गुजारा करता था.

वारदात के दिन उसके पास महज 150 रुपये थे. उसे स्मैक की पुड़िया लेने के लिए 150 रुपये और चाहिए थे. इसी बीच उसने वरुण को सड़क पर आते देखा और उसे लूटने की कोशिश की. वरुण शरीर से मजबूत था इसलिए उसने लूट का विरोध करते हुए प्रदीप मिश्रा को थप्पड़ भी मारा. गुस्से में आकर प्रदीप ने वरुण के पेट में चाकू से कई वार कर दिए. वरुण नीचे गिरा तो प्रदीप ने उसका पर्स लूट लिया. प्रदीप वरुण का फोन भी लेना चाहता था, लेकिन वरुण ने फोन नहीं छोड़ा.
व्यस्त सड़क पर पकड़े जाने के डर से प्रदीप वरुण का बटुआ लेकर भाग गया. उसमें करीब 1200 रुपये थे. इसके बाद वरुण किसी तरह उठा और उसने अपनी बहन को फोन करके बुलाया. इसके बाद उसने हाथ हिलाकर करण से मदद की गुहार लगाई. करण उसे अस्पताल ले गया जहां चार घंटे बाद उसकी मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक वरुण अपनी बहन के घर जा रहा था और रास्ते में उसके लिए फल ले रहा था. इसी दौरान यह वारदात हुई.

पकड़े जाने तक प्रदीप मिश्रा को नहीं पता था कि उसने वरुण की हत्या कर दी है. उसके पास से वरुण का बटुआ, उसका डीटीसी पास और पीएनबी का एटीएम कार्ड बरामद किया गया है.

 

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