रायपुर समेत प्रदेश के 10 नगर निगमों में होने वाले चुनाव के लिए प्रदेश के सभी 14 नगर निगमों में महापौर की सीट का आरक्षण 7 जनवरी को होगा। रायगढ़ और रिसाली अनुसूचित जाति तथा अंबिकापुर अनुसूचित जनजाति के लिए जनसंख्या के आधार पर इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं। शेष 11 नगर निगमों में 3 कोरबा, राजनांदगांव और धमतरी में अभी ओबीसी वर्ग का महापौर है। इस वजह से इन्हें ओबीसी वर्ग के आरक्षण के लिए होने वाली लॉटरी में शामिल नहीं किया जाएगा। शेष 8 नगर निगमों में ओबीसी वर्ग के लिए लॉटरी से चार सीटें तय की जाएंगी। सबसे खास बात यह है कि पिछले तीन चुनाव से लगातार अनारक्षित रही रायपुर सीट इस बार भी अनारक्षित निकलने के चांस बन रहे हैं। यह भाग्य तय करेगा, क्योंकि लॉटरी में जिस निगम के नाम की पर्ची निकलेगी, वह ओबीसी सीट होगी और शेष अनारक्षित। 8 नगर निगम जिनमें ओबीसी वर्ग की सीटों का चयन होगा उसमें बिलासपुर, चिरमिरी, रायपुर, दुर्ग, जगदलपुर, भिलाई, बिरगांव, भिलाई चरौदा शामिल हैं। रिसाली पिछले चुनाव में ओबीसी महिला सीट थी, लेकिन अब यह जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जाति में शामिल हो गई है। इसलिए उसे एससी के आधार पर आरक्षण से हटाया जाएगा। 2004 के चुनाव में आरक्षण का रोटेशन शुरू हुआ। इस रोटेशन के आधार पर 2014 में रोटेशन पूरा हो गया। 2019 से नया रोटेशन शुरू हुआ। इसके अनुसार 2004 में जो-जो सीटें ओबीसी आरक्षित हुईं, वे ही चक्र शुरू होने के कारण दोबारा ओबीसी हुईं। जैसे 2009 में कोरबा ओबीसी सीट थी, वह 2019 में भी ओबीसी रही। राजनांदगांव भी 2004 के बाद 2019 में ओबीसी आरक्षित हुई। इसी रोटेशन के आधार पर रायपुर को भी 2004 के बाद 2019 में ओबीसी होना था, लेकिन यहां महापौर की सीट को ओबीसी वर्ग ना कर अनारक्षित कर दिया गया। आरक्षित सीटों में से महिला निकलेंगी अनारक्षित और ओबीसी आरक्षित सीटों में से 33 प्रतिशत महिलाओं के लिए निकाला जाएगा। जानकारों का कहना है कि 11 सीटों में से सात सीटें अनारक्षित के लिए रहेंगी। चार ओबीसी के लिए आरक्षित होंगी। आरक्षण के बाद ओबीसी और बची हुई अनारक्षित सीटों में महिलाओं का आरक्षण होगा। इस तरह 14 निगम में 7 अनारक्षित सीटें हैं, इनमें दो महिलाओं के लिए और 4 ओबीसी, जिसमें एक ओबीसी महिला के लिए आरक्षित रहेगी।

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