रायपुर नगर निगम में मेयर एजाज ढेबर के परिषद का कार्यकाल समाप्त हो गया है। सोमवार यानि रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह प्रशासक के रूप में कार्यभार संभालेंगे। हालांकि, महापौर एजाज ढेबर ने निगम का कार्य प्रशासक को सौंपने से इनकार किया है। शनिवार को मेयर एजाज ढेबर ने अपने पांच साल के कार्यकाल खत्म होने पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा है कि वे अपने कार्यकाल को खत्म नहीं मानते। चुनाव में देरी उनके कारण नहीं हो रही है। रायपुर शहर की जनता ने सभी 70 पार्षदों को वोट देकर चुना है। इसलिए मेयर ने कहा है कि वे रायपुर शहर को प्रशासक के हवाले नहीं कर सकते।वे रायपुर की जनता के लिए सभी वार्डों के कार्यों की निगरानी करते रहेंगे, और जैसे ही नई परिषद बनेगी, वे अपना काम उसे सौंप देंगे। क्या कहना है एक्सपर्ट का मेयर के इस बयान के बाद दैनिक भास्कर ने रिटायर्ड हो चुके सीनियर अधिकारियों से बातचीत की उन्होंने ने बताया कि सरकार द्वाराअधिसूचना जारी करने के बाद महापौर के पावर प्रशासक के पास आ जाते है।ऐसे में मेयर के बयान का ज्यादा कोई खास असर नही होगा। क्यो कि प्रशासक की नियुक्ति के साथ ही अब नगर निगम महापौर जैसे पद शक्तिविहीन हों जाते है। अगर वे अपना कार्यभार भी प्रशासक को नहीं सौैपेंगे तो भी प्रशासक अपने कार्य करने के लिए स्वतंत्र है। अधिसूचना जारी होते है रायपुर शहर सरकार का जिम्मा कलेक्टर के हाथों में आ जा ता है। और यही काम-काज देखेंगे और फैसला लेंगे। इस दौरान प्रशासक के हस्ताक्षर से टेंडर भी होंगे और सभी काम जारी रहेंगे। कलेक्टर गौरव सिंह सोमवार के प्रशासक की भूमिका रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह सोमवार को रायपुर नगर निगम में प्रशासक की भूमिका में आ जाएंगे। सोमवार से वे रायपुर निगम के प्रशासक का काम करेंगे। इसके साथ ही जब तक रायपुर नगर निगम का चुनाव सम्पन्न नहीं हो जाता वे प्रशासक की भूमिका में रहेंगे। पहले भी रह चुके है प्रशासक रायपुर नगर निगम के सभापति रह चुके प्रमोद दुबे ने प्रशासक व्यवस्था को लेकर दैनिक भास्कर को जानकारी देते हुए कहा- जैसे देश या प्रदेश में जब सरकार का कार्यकाल खत्म हो जाता है तो गर्वनर या राष्ट्रपति का कंट्रोल होता है। प्रमोद दुबे ने कहा कि इसी तरह निगमों में कार्यकाल खत्म होने के बाद कलेक्टर को या वरिष्ठ IAS अफसरों को जिम्मेदारी दी जाती है। दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ में यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी प्रशासक नियुक्त किए गए हैं। रायपुर में ये अफसर रहे चुके प्रशासक प्रमोद दुबे ने बताया कि रायपुर में गणेश शंकर मिश्रा, अजय नाथ जैसे अफसरों ने प्रशासक की जिम्मेदारी निभाई है। अब ये होगा कि जनप्रतिनिधि किसी भी मामले में नगर निगम से जुड़े फैसले नहीं कर पाएंगे। यह जिम्मा अब प्रशासक के पास होगा। जोन अध्यक्षों की शक्तियां अब नगर निगम आयुक्त के पास होगी महापौर स्तर के फैसले लेने की शक्तियां प्रशासक के पास होगी, जाे अब रायपुर या अन्य जिलों के कलेक्टर हैं।