छत्तीसगढ़ के बस्तर में पिछले 18 दिनों (5 से 23 दिसंबर) में नक्सलियों ने बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में कुल 10 लोगों की हत्या कर दी है। इनमें 3 भाजपा के कार्यकर्ता, 1 आंगनबाड़ी सहायिका भी शामिल हैं। वहीं एक दिन पहले माओवादियों ने बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में कुल 4 लोगों का मर्डर किया है। सभी ग्रामीणों पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाकर मार डाला। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से माओवादियों ने अब तक कुल 1800 लोगों की हत्या की है। इनमें सबसे ज्यादा बीजापुर में वारदात हुई है। अधिकांश ग्रामीणों को जनअदालत में मारा गया है। एक ही दिन में 4 की हत्या
नक्सलियों ने दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में एक ही दिन में 4 लोगों की हत्या कर दी। बीजापुर जिले के रेड्डी गांव के युवक मुकेश को भरे बाजार से अगवा किया था। जिसकी हत्याकर शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया। वहीं बीजापुर जिले के कोरचोली में जनअदालत लगाकर लखमू पोटाम समेत एक अन्य युवक को मार डाला। हालांकि, नक्सलियों की दहशत की वजह से परिजन रिपोर्ट दर्ज करवाने नहीं पहुंचे थे। इधर, दंतेवाड़ा जिले के गुफा गांव में माओवादियों ने घर में घुसकर एक युवक की हत्या कर दी थी। युवक का नाम सामनाथ कश्यप बताया जा रहा है। इसे भी पुलिस का मुखबिर बताकर मार डाला। वहीं दंतेवाड़ा जिले के ASP आरके बर्मन का कहना है कि हत्या की सूचना मिली है। तस्दीक की जा रही है। जानिए कब किसे मारा इसलिए खेल रहे खूनी खेल
दरअसल, साल 2024 में पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ कई बड़ी सफलता मिली है। अंदरूनी इलाके में सुरक्षबालों के कैंप भी स्थापित किए गए हैं। वहीं इसी बात से नक्सली काफी बौखलाए हुए हैं। उन्हें शक था कि ये ग्रामीण पुलिस की मुखबिरी कर रहे हैं। कैंप खुलवाने में इन्हीं का हाथ है। इसलिए ग्रामीणों के बीच अपनी दहशत कायम रखने के लिए नक्सली एक के बाद एक ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं। गृहमंत्री बोले-खूनी खेल बंद करो
कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा भी बस्तर दौरे पर थे। जगदलपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि नक्सली बेकसूर ग्रामीणों को मार रहे हैं। ये खूनी खेल बंद करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ दें। हथियार डाल दें।

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