इंग्लैंड के सीमित ओवरों के कप्तान इयोन मोर्गन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। मोर्गन की कप्तानी में ही इंग्लैंड 2019 में पहली बार वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन बना था।

इंग्लैंड के लिमिटेड ओवर फॉर्मेट के कप्तान इयोन मोर्गन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। 35 वर्षीय मॉर्गन इंग्लैंड के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होने के साथ-साथ वनडे क्रिकेट में सबसे सफल कप्तान भी हैं। मॉर्गन ने इंग्लैंड के लिए 225 वनडे में 13 शतकों के साथ 6957 रन बनाए हैं। कुल मिलाकर मॉर्गन के वनडे क्रिकेट में 14 शतकों के साथ 7701 रन हैं।

इयोन मॉर्गन ने 126 मैचों में इंग्लैंड की कप्तानी की, जिसमें उन्होंने 76 जीते और इस दौरान उनके जीत का प्रतिशत 65.25 रहा। उनके कप्तानी करियर का सबसे यादगार लम्हा इंग्लैंड को घरेलू धरती पर 2019 आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप का खिताब दिलाना रहा।

2015 में एलेस्टर कुक का उत्तराधिकारी नियुक्त किए जाने के बाद से मॉर्गन ने 126 वनडे और 72 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में इंग्लैंड का नेतृत्व किया। इस दौरान उनकी कप्तानी में इंग्लैंड 2016 वर्ल्ड टी20 का उपविजेता रहा था और बाद में टीम ने 2019 वनडे विश्व कप अपने नाम किया। 2009 में इंग्लैंड के लिए खेलने से पहले मॉर्गन आयरलैंड का प्रतिनिधत्वि कर चुके हैं। सीमित ओवरों की क्रिकेट में 340 बार इंग्लैंड का प्रतिनिधत्वि करने के अलावा मॉर्गन ने 2010 और 2012 के बीच 16 टेस्ट मैच भी खेले हैं।

मॉर्गन एक बेहद सफल टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भी थे। उन्होंने 115 मैचों में 14 अर्धशतकों और 136.18 की औसत से 2458 रन बनाए। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे सफल T20I कप्तान हैं, उनकी कप्तानी में टीम ने 72 मैचों में से 42 मैच जीते हैं। मोर्गन पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। मोर्गन ने अपने पिछले 28 इंटरनेशनल मैचों में महज दो अर्धशतक लगाए थे। ऐसा माना जा रहा है कि मोर्गन की जगह जोस बटलर को इंग्लैंड की वनडे और टी20 टीम की कमान सौंपी जा सकती है।

मोर्गन ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए एक बयान में कहा, “सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श और विचार-विमर्श के बाद, मैं तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा कर रहा हूं। मेरे करियर का सबसे सुखद और बिना कोई शक सबसे बेहतरीन पलों को अलविदा कहना आसान निर्णय नहीं रहा है, लेकिन मेरा मानना ​​है कि अब ऐसा करने का सही समय है, मेरे लिए, व्यक्तिगत रूप से और इंग्लैंड के सीमित ओवरों की दोनों टीमों के लिए, जिन्हें मैंने यहां तक पहुंचाया।

उन्होंने कहा, ”मैं दो विश्व कप विजेता टीमों में खेलने के लिए भाग्यशाली रहा हूं, लेकिन मेरा मानना ​​है कि इंग्लैंड की सफेद गेंद वाली टीमों का भविष्य पहले से कहीं ज्यादा उज्जवल है। हमारे पास पहले से कहीं अधिक अनुभव, अधिक ताकत और अधिक गहराई है।”

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