महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार के गिरने के बाद से ठाकरे परिवार लगातार मुश्किलों में है। विधायकों के बागी होने के बाद पार्टी बचाने की लड़ाई लड़ रहे आदित्य को नोटिस का सामना करना पड़ा है।
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार के गिरने के बाद से ठाकरे परिवार लगातार मुश्किलों में है। विधायकों के बागी होने के बाद पार्टी बचाने की लड़ाई लड़ रहे ठाकरे परिवार के जूनियर सदस्य आदित्य ठाकरे को नोटिस का सामना करना पड़ा है। मामला शिंदे सरकार द्वारा आरे फॉरेस्ट एरिया में शुरू किए गए मेट्रो शेड को किए गए विरोध प्रदर्शन से जुड़ा है। असल में इस प्रोजेक्ट का विरोध करने गए आदित्य के साथ कुछ बच्चे भी थे। इसको देखते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने चाइल्ड लेबर का आरोप लगाया है। साथ मुंबई पुलिस कमिश्नर को इस मामले में केस दर्ज करने के लिए नोटिस दी है।
तीन दिन में एफआईआर की ताकीद
गौरतलब है कि आदित्य ठाकरे ने कल आरे में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। इस दौरान खींची गई तस्वीरों में कुछ बच्चे हाथों में प्लेकार्ड लिए दिखाई दे रहे हैं। चाइल्ड राइट्स पैनल तीन दिन के भीतर इस मामले में कार्रवाई और एफआईआर चाहता है। साथ ही उसने बच्चों का बयान लिए जाने की भी ताकीद की है। वहीं शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने नोटिस की कॉपी को रीट्वीट करते हुए इसे एक जोक बताया है। उन्होंने कहा कि यह बच्चे वहां मौजूद नागरिकों के समूह का हिस्सा थे। इनका शिवसेना के विरोध प्रदर्शन से कुछ भी लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बच्चे बस आदित्य ठाकरे से मिलना चाहते थे।
शिंदे सरकार ने पलटा उद्धव का फैसला
गौरतलब कि उद्धव ठाकरे सरकार ने आरे मेट्रो पर प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी। सिर्फ इतना ही नहीं, जब महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा की सरकार थी तब भी शिवसेना ने इस प्रोजेक्ट का विरोध किया था। हालांकि भाजपा और शिवसेना के बागी विधायकों की सरकार ने सत्ता में आते ही उद्धव ठाकरे के फैसले को पलट दिया है। इसके बाद से ही आदित्य ठाकरे इसके विरोध में खड़े हो गए हैं।