सोमवार को सुकमा जिले में नक्सली रह चुके दो कपल की शादी हुई। सरकार के खिलाफ जंग लड़ने वाले इन नक्सलियों की सरकारी योजना के तहत शादी हुई। खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन्हें आर्शीवाद दिया। बस्तर दौरे पर रहे मुख्यमंत्री ने निकाय चुनाव से ठीक पहले दंतेवाड़ा-सुकमा और कोंडागाव जिले में कुल 653 करोड़ के प्रोजेक्ट जनता के नाम किए। सभाओं को सम्बोधित किया। सबसे पहले जानिए नक्सलियों की शादी के बारे में- नक्सलियों को आपस में प्यार हुआ, मगर जंगल-जंगल सरकार के खिलाफ भटककर हमले करने वालों के बीच प्यार पूरा नहीं हो सकता। नक्सली शादी करने, माता-पिता बनने नहीं देते। बंदूकाें के साए में जहां आदिवासियों का लहू बहाने की जंग है, वहां जिन दो दिलों को प्यार हुआ वो अपनी दुनिया बदलने की सोच चुके थे। उन्होंने नक्सलियों का साथ छोड़ दिया। सोमवार को दाेनों की शादी हो गई। सुकमा जिले में ये शादी हुई। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और नक्सल पुनर्वास योजना के तहत आत्मसमर्पण कर चुके इन नक्सलियों ने दाम्पत्य जीवन की शुरुआत की। इस मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हमारी सरकार की शांति और पुनर्वास की नीति से हमारी जनकल्याणकारी योजनाएं सकारात्मक परिणाम दिखा रही हैं। नियद नेल्ला नार योजना ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को समाज के मुख्यधारा में लौटने और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर दिया है नव विवाहित जोड़े में गगनपल्ली निवासी मौसम महेश और डुब्बामरका निवासी हेमला मुन्नी ने एक-दूसरे का हाथ थामा। दूसरे जोड़े के रूप में कन्हाईपाड़ निवासी मड़कम पाण्डू और सल्लातोंग निवासी रव्वा भीमे ने भी विवाह के बंधन में बंधे। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत इन्हें 50 हजार की राशि, 7 हजार रुपए की श्रृंगार सामग्री, 8 हजार विवाह की व्यवस्था के लिए 35 हजार की राशि डीबीटी के जरिए खाते में दी जाती है। लगभग बारह साल से नक्सल संगठन से जुड़े रहने के बाद मौसम महेश, मड़कम पांडू ने और हेमला मुन्नी ने नौ साल तक, रव्वा भीमे ने छह साल संगठन में रही है। उन्होंने बताया हम समाज में सम्मान जनक तरीके से रहना चाहते हैं, इसलिए नियद नेल्लानार योजना ने हमें सरेंडर करने को प्रेरित किया। माओवादी कैंसर को समाप्त करना है
माओवाद एक कैंसर की तरह है। कैंसर को समाप्त करना है तो इसकी जड़ पर प्रहार करना जरूरी होता है। माओवादी बस्तर के कुछ इलाकों में जोंक की तरह चिपक गये थे और यहां के स्थानीय लोगों को डरा-धमका कर शोषण कर रहे थे। ये स्थल उनके सबसे सुरक्षित पनाहगाह थे। हमने माओवादियों की माँद में घुसकर उन पर हमले का निर्णय लिया। हमारे सुरक्षाबलों के जवानों के अदम्य साहस से हमने इन माओवादियों का मुकाबला किया और उनको धूल चटाई। बीते एक साल में विभिन्न मुठभेड़ों में हमारे सुरक्षाबलों ने 230 से अधिक माओवादियों को मार गिराया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुकमा जिले के मिनी स्टेडियम में विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास के कार्यक्रम में ये बातें कहीं। सुकमा में 205 करोड़ रुपए के 137 कामों का मुख्यमंत्री ने का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है। सुकमा नगरपालिका में 83 करोड़ रुपए की लागत से जल प्रदाय योजना का भूमिपूजन हुआ। 14 करोड़ रुपए की राशि से केरलापाल से पोंगाभेज्जी सड़क निर्माण का भूमिपूजन हुअा। 11 करोड़ रुपए की लागत से स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का भूमिपूजन हुआ। दंतेवाड़ा में 160 करोड़ के काम
मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल, बड़े बचेली में 160 करोड़ रूपये के 501 कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है। इनमें 49 करोड़ रूपये के 367 कार्यों का लोकार्पण और 112 करोड़ रूपये के 134 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। 114 करोड़ रूपये के हितग्राही मूलक कार्यों का चेक और सामग्री का वितरण भी हुआ। गीदम ब्लाक के छिन्दनार से बड़ेकरका मार्ग पर 33 करोड़ रूपये का पुल, सभी विकासखंडों में एक करोड़ रूपये से बने पुल-पुलिया, गीदम, कुआकोंडा, कटेकल्याण मार्ग का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण शामिल है। इसके अलावा मोर मकान-मोर आवास के अंतर्गत सवा सात करोड़ रूपये की लागत से 321 हितग्राहियों के लिए बने पक्के मकानों की चाबी भी सौंपी है। जलावर्धन और जलशोधन संयंत्र स्थापना के लिए किरंदुल में करीब 45 करोड़ और बारसूर में 15 करोड़, दंतेवाड़ा में अंतरराज्यीय बस स्टैंड और दंतेवाड़ा जिले के सभी विकासखंडों में आश्रम भवन निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया है। इसी कड़ी में कोंडागांव में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विभागीय स्टॉल को देखा यहां उन्होंने 288 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया है।

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