विधान परिषद में भी एनसीपी नेता विपक्ष का पद चाहती है। वहीं बगावत झेलने वाली शिवसेना का कहना है कि विधानसभा में भले एनसीपी को विपक्ष के नेता का पद मिल गया है, लेकिन यहां उसके हाथ में कमान होनी चाहिए।

Uddhav Thackeray News: महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने वाली उद्धव ठाकरे की शिवसेना लगातार संकट के दौर से गुजर रही है। उद्धव ठाकरे के सीएम पद से इस्तीफे के बाद एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं और विधानसभा में नेता विपक्ष का पद एनसीपी के अजित पवार के पास है। यही नहीं अब विधान परिषद में भी एनसीपी नेता विपक्ष का पद चाहती है। वहीं बगावत झेलने वाली शिवसेना का कहना है कि विधानसभा में भले एनसीपी को विपक्ष के नेता का पद मिल गया है, लेकिन यहां उसके हाथ में ही कमान होनी चाहिए। शिवसेना का कहना है कि विधान परिषद में विपक्षी दलों में उसके सबसे ज्यादा 13 सदस्य हैं। इसलिए उसका ही दावा बनता है।

एनसीपी और शिवसेना में मच सकती है खींचतान

शिवसेना के एक नेता ने कहा कि इस पद पर एनसीपी भी दावा ठोक रही है। उसका कहना है कि एकनाथ खडसे जैसा सीनियर नेता उसके पास है, जो सदन में भाजपा का मुकाबला कर सकेगा। इस महीने के अंत में मॉनसून सेशन की शुरुआत होने वाली है और उससे पहले शिवसेना की ओर से विधान परिषद में नेता विपक्ष के लिए अपने किसी लीडर का नाम भेजा जा सकता है। शिवसेना के एमएलसी सचिन अहीर ने कहा, ‘हम सरकार में नहीं हैं और विपक्षी दलों में शिवसेना के परिषद में सबसे ज्यादा सदस्य हैं। हमारे पास 13 सदस्य हैं और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी है। एनसीपी के पास 10 सदस्य हैं और एक निर्दलीय का समर्थन है। इसलिए शिवसेना का दावा बनता है। इस बारे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे परिषद के अध्यक्ष को लेटर भेजा जाएगा।’

अनिल परब को नेता विपक्ष बना सकती है शिवसेना

शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायकों के एकनाथ शिंदे के समर्थन में जाने के बाद से पार्टी दोफाड़ नजर आ रही है। एक तरफ उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र की सत्ता छोड़नी पड़ी तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी को लेकर भी संघर्ष की स्थिति है। शिवसेना के एक नेता ने कहा कि विधानपरिषद में नेता विपक्ष का पद सचिन अहीर या फिर पूर्व मंत्री अनिल परब को मिल सकता है। अनिल परब को उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी लोगों में से एक माना जाता है। हालांकि पार्टी के एक वर्ग का यह भी मानना है कि इस पद के लिए किसी नए नेता को लेना चाहिए। वहीं ठाकरे फैमिली लंबे समय से वफादार रहे नेता को ही यहां रखना चाहती है।

क्यों विधान परिषद में नेता विपक्ष के पद पर शिवसेना का जोर 

खासतौर पर ऐसे समय में शिवसेना फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, जब वह अब तक की सबसे बड़ी बगावत का सामना कर रही है। शिवसेना के एक नेता ने कहा, ‘एनसीपी विधान परिषद में भी नेता विपक्ष का पद चाहती है। लेकिन शिवसेना के लिए भी यह अहम है। यही एक ऐसी जगह होगी, जहां शिवसेना मजबूती के साथ अपनी बात रख सकेगी।’ विधान परिषद में कुल सदस्यों की संख्या 78 है और सबसे ज्यादा भाजपा के पास हैं। दूसरे नंबर पर शिवसेना और तीसरे पर एनसीपी हैं। वहीं चौथे स्थान पर कांग्रेस का नंबर पर है।

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