आरोप है कि रूस क्रीमिया के अपने अधिग्रहण की तरह ही रणनीति बनाकर खुद में यूक्रेन के कुछ और क्षेत्रों को शामिल करना चाहता है। इसके लिए रूस ने बकायदा तैयारी भी शुरू कर दी है।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष पर अभी तक कोई आधिकारिक परिणाम सामने नहीं आया है लेकिन यह सच है कि यूक्रेन पूरी तरह तबाह हो चुका है। इसी बीच अमेरिकी खुफिया विभाग ने रूस पर यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर कब्जा जमाने की योजना बनाने का आरोप लगाया है। अमेरिका का आरोप है कि रूस क्रीमिया के अपने अधिग्रहण की तरह ही रणनीति बनाकर खुद में यूक्रेन के कुछ और क्षेत्रों को शामिल करना चाहता है।

फर्जी जनमत संग्रह की तैयारी में रूस!
दरअसल, अपनी रिपोर्ट में बीबीसी ने यह जानकारी दी है कि अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से कहा है कि रूस पहले से ही यूक्रेन के अधिक क्षेत्रों को खुद में शामिल करने की योजना बनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि रूस इस मामले में यूक्रेन के नाजायज रूसी समर्थकों से जनमत संग्रह करने का दिखावा करेगा।

यूक्रेन के कुछ क्षेत्रों पर कब्जे की कोशिश
उनके मुताबिक रूस जनमत संग्रह का दिखावा इसलिए करेगा ताकि यह साबित कर सके कि यूक्रेन के लोग रूस में शामिल होने को लेकर सहमत हैं। किर्बी ने कहा कि लोगों से जनमत संग्रह कर उनके परिणामों का उपयोग रूस द्वारा यूक्रेनी क्षेत्र पर कब्जे का दावा करने के प्रयास के रूप में किया जाएगा।

क्या पश्चिमी देश कर पाएंगे विरोध?
हालांकि इससे पहले पोलैंड में पूर्व अमेरिकी राजदूत डेनियल फ्राइड ने यूक्रेन को लेकर रूसी योजनाओं पर कहा है कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन को हराने के आधार पर नहीं बल्कि एक बेतुके दावे के आधार पर यूक्रेन के एक बड़े क्षेत्र पर अपना दावा कर सकते हैं जिसका पश्चिमी देश विरोध करेंगे और रूस को अलग-थलग करने की कोशिश करेंगे।

मालूम हो कि रूस ने इसी तरह से साल 2014 में क्रीमिया को औपचारिक रूप से अपने में मिला लिया था। किर्बी ने कहा कि फिलहाल जिन क्षेत्रों में यूक्रेन की निगाहें हैं उनमें खेरसॉन, जापोरिज्जिया, डोनेट्स्क और लुहान्स्क शामिल हैं।

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