विकासखण्ड बैकुंठपुर में सरभोका से छिन्दीया में जिला परियोजना क्रियान्वयन इकाई, छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 7.40 किमी. लम्बी सड़क 3 करोड़ 98 लाख 43 हजार की लागत से वर्ष 2019-20 में निर्माण किया गया है। इससे क्षेत्र के 3 बसाहटों में निवासरत लगभग 2 हजार 200 जनसंख्या लाभान्वित हुई है। विकासखण्ड बैकुंठपुर में पटना से छरछा व्हाया मुरूमा, बेसरझरीया में लगभग 13 किमी. लम्बाई की सड़क के निर्माण से क्षेत्र के 06 बसाहटों की 5 हजार 280 जनसंख्या लाभान्वित हुई है। 9 करोड़ 46 लाख 35 हजार की लागत से 2019-20 में पूर्ण की गई सड़क निर्माण से इन क्षेत्रों में ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा के साथ शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय एवं कृषि उपकरणों के परिवहन में भी सुविधा हो रही है।

इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत विकासखण्ड भरतपुर में रांपा नदी पर अक्तवार से च्यूल मार्ग में वृहद पुल का निर्माण आर.डी. 1900 मीटर पर 100 मीटर में 2 करोड़ 54 लाख 48 हजार की लागत से वर्ष 2021 में पूर्ण कराया गया है। जिससे क्षेत्र की 382 जनसंख्या लाभान्वित हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि यह वृहद पुल पूर्व में निर्मित सड़क अक्तवार से च्यूल की दो बसाहटों को मुख्य मार्ग से जोड़ती थी, सड़क के मध्य में रांपा नदी पड़ती है जिस पर किसी भी प्रकार का पुल निर्मित नहीं था वर्षा काल में ये दोनों बसाहटें जिला एवं विकासखण्ड मुख्यालय से कट जाती थी एवं आपात स्थिति में इन दोनों बसाहटों तक पहुचँने का कोई दुसरा वैकल्पिक मार्ग नहीं था। शासन द्वारा वर्ष 2018-19 में इस नदी पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत वृहद पुल निर्माण कार्य स्वीकृत होकर वर्ष 2021 में पुल का निर्माण कार्य पूरा किया गया जिसके उपरांत ग्रामवासियों कों बारहमासी आवागमन की सुविधा प्राप्त हुई। यह पुल इस क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक विकास का आधार बन रहा है।

जिले में इस योजनान्तर्गत वर्ष 2019 में 9 सड़कों का उन्नयन एवं चौड़ीकरण का कार्य 61 करोड़ 51 लाख 14 हजार रुपए की लागत से पूर्ण किया गया, जिसकी कुल लम्बाई 94.63 कि.मी. हैं। इन सड़को के निर्माण कार्य से एक हजार वाली 5 बसाहटें, 5 सौ वाली 6 बसाहटें एवं 250 वाली 2 बसाहटें कुल 13 बसाहटें लाभान्वित हुई। इन सड़कों के निर्माण से लोगों को सुलभ आवागमन की सुविधा प्राप्त हुई तथा वर्तमान में स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करने हेतु आसानी से जिला चिकित्सालय पहुँचने एवं विद्यार्थियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु महाविद्यालय पहुँचनें में समय की बचत होती हैं।

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