जिले में यदा कदा दूरस्थ ग्रामों के श्रमिकों के अन्यत्र पलायन की खबरें मिलती रहती है। जैसा कि सभी जानते हैं कि अन्य प्रदेशों में पलायन करने वाले श्रमिकों के साथ अक्सर प्रताड़ना और शोषण जैसी घटनाएं घटती है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा संबंधित विभाग को पूर्ण सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं। इस क्रम में कार्यालय श्रम पदाधिकारी कोण्डागांव द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार 02 अगस्त को समय रात्रि 10.40 बजे मोबाईल के माध्यम से श्रमिकों के पलायन की सूचना विभाग को प्राप्त हुई। जिसमें सूचित किया गया कि जिला कोण्डागांव के श्रमिक अन्य राज्य ले जाये जा रहे हैं।
सूचना के आधार पर तत्काल पुलिस विभाग एवं श्रम विभाग की टीम को ग्राम जैतपुरी सुवाडोंगरी रोड के पास 14 श्रमिकों की उपस्थिति मिली। पतासाजी करने पर श्रमिकों के दल में से 04 श्रमिक जिला कोण्डागांव के और 10 श्रमिक जिला नवरंगपुर (उड़ीसा) के पाये गये। इस संबंध में उक्त श्रमिकों द्वारा अपने बयान में बताया गया कि वे स्वेच्छा से तमिलनाडु राज्य में कार्य करने जा रहे थे और इसमें किसी दलाल, एजेण्ट, ठेकेदार की कोई भूमिका नहीं है और टीम द्वारा जांच करने पर सभी श्रमिक बालिग पाये गये। अतः उक्त प्रकरण में किसी दलाल, एजेण्ट, ठेकेदार नहीं होने के कारण मानव तस्करी का प्रकरण नहीं बना। परन्तु टीम ने दल को समझाईश देते हुए वापस अपने गृह ग्राम भेज दिया। इसमें कोण्डागांव जिले के तितरवण्ड के श्रमिक भी थे। गौरतलब है कि राज्य शासन के आदेशानुसार पलायन के संबंध में सभी पंचायतों में पलायन पंजी अनिवार्य रूप से संधारित किये जाने के निर्देश हैं और इसके लिये कलेक्टर ने सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश के पालन को सुनिश्चित करने को भी कहा है।