कोण्डागांव जिले में हर व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके तहत् चिरायु योजना द्वारा डॉक्टरों की टीम प्रतिदिन स्कूलों में जाकर स्वास्थ्य जांच कर रही है। इस योजना के तहत् विगत दिनों बड़ेराजपुर में अभियान चलाकर गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों के ईलाज हेतु बच्चों को चिन्हांकित किया गया था। जिसमें बड़ेराजपुर विकासखण्ड के आठ बच्चों में गंभीर बीमारियों के होने की बात सामने आयी। जिसके पश्चात् स्वास्थ्य विभाग के दल द्वारा उनके ईलाज के लिए उनकी जांच हेतु प्रयास किये गये।

‘‘चांदनी‘‘ के हार्ट ब्लॉक का हुआ सफल ऑपरेशन
ज्ञात हो कि चिरायु टीम द्वारा ग्राम मरहान गुहान स्थित प्राथमिक शाला में बच्चों के चिकित्सकीय परीक्षण के उपरांत यहां पाया गया की वहां पर पांचवी कक्षा में अध्ययनरत् चांदनी नेताम नामक बालिका को सांस लेने में तकलीफ एवं जल्द थकावट की शिकायत निरंतर रहने से वह बार-बार अस्वस्थ हो जातीं थीं। इन्हें देखकर इनके माता-पिता सदैव इनके स्वास्थ्य हेतु चिंतित रहते थे। परंतु उसके ग्रामीण पालक इस बात से अनभिज्ञ थे कि उनकी चांदनी गंभीर हृदय रोग से पीड़ित हैं। वे केवल इसे शारीरिक कमजोरी के रूप में सोचा करते थे परंतु डॉक्टरों द्वारा जांच उपरांत पाया गया कि चांदनी के हृदय में ब्लॉकेेज हो चुके हैं, जिसका ईलाज नितांत आवश्यक है। ऐसे में डॉक्टरों द्वारा पालकों की सहमति के साथ उन्हें रायपुर स्थित सत्य सांई हॉस्पिटल में निःशुल्क करा कर हृदय में पेशमेकर डिवाइस लगाया गया। जिससे अब चांदनी पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं एवं उनका स्वास्थ्य भी अब ठीक हो गया है।

 

नन्हे ‘‘वेद‘‘ एवं योगेश के दिल के छेद का हुआ उपचार
इसी प्रकार स्कूली बच्चों की जांच के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्र जबुरडिही केन्द्र में अध्ययनरत् 03 वर्षीय वेद मरकाम एवं कोपरा स्कूल में अध्ययनरत् योगेश सोरी को बचपन से ही सांस लेने में तकलीफ एवं थकावट की समस्या रहती थी। जिसकी जांच किये जाने पर डॉक्टर ने पाया कि दोनों बच्चों के दिलों में छेद है। जिसके कारण वे अस्वस्थ रहा करते हैं। इस संबंध में वेद के परिजन बताते हैं कि वेद के शरीर में जन्म से ही कुपोषण के लक्षण थे। परंतु इसका कारण डॉक्टरों को भी ज्ञात नहीं था। वहीं 11 वर्षीय योगेश के परिजन बताते हैं कि योगेश बचपन से ही खेलने पर जल्दी थक जाया करता था एवं डॉक्टरों द्वारा की गई पूर्व जांच में उसे एनीमिया होना बताया गया था। जिसे देखते हुए चिरायु दल ने इसकी जांच हेतु उन्हें जगदलपुर स्थित महारानी अस्पताल में आयोजित सत्य सांई निःशुल्क चिकित्सा शिविर में ले जाया गया। जहां ईको टेस्ट के बाद दोनों बच्चों के दिल में छेद होने की बात सामने आयी।
इस संबंध में परिजन बताते हैं कि दिल में छेद होने की बात सामने आते ही वे घबरा गये थे एवं उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वे अपने बच्चे को किस प्रकार ठीक करें। ऐसे में डॉक्टरों द्वारा उन्हें प्रोत्साहित करते हुए सत्य सांई संस्थान में ऐसे बच्चों के निःशुल्क उपचार के संबंध में बताया गया। जिससे उन्हें सम्बल प्राप्त हुआ। इसके पश्चात् बच्चों को उपचार हेतु रायपुर स्थित संस्थान में भेजकर उपचार कराया गया। दोनों ही बच्चों के लिए पीडीए क्लोजर लगाकर छेद को भर दिया गया है। अपने बच्चों को सकुशल पाकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
इस संबंध में आयुष मेडिकल ऑफिसर डॉ0 शशिकांत ठाकुर ने बताया कि सीएमएचओ डॉ0 टीआर कुंवर के निर्देश पर जिले के समस्त स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य जांच हेतु चिरायु अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत् विगत दिनों दो बच्चों के दिल में छेद एवं एक बच्चे के हार्ट ब्लॉकेज का उपचार कराया गया है। एक अन्य छात्र का ऑपरेशन अभी होना शेष है। ज्ञात हो कि स्कूलों की जांच द्वारा 2014 से अब तक केवल बड़ेराजपुर विकासखण्ड से ही ऐसे गंभीर हृदय रोगों से पीड़ित 27 बच्चों की पहचान की गई है। कई बच्चों का ईलाज किया जा चुका है एवं कोरोना काल में समस्त स्कूलों के बंद होने के कारण कुछ बच्चों का ईलाज संभव नहीं हो पाया था। उन्हें पुनः चिन्हित कर उनका उपचार कराया जा रहा है।

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