कोरोना की दूसरी लहर से देश में मचने वाली तबाही तो हम सब ने देखी ही, वहीं अब एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। पिछले डेढ़ साल से इस वायरस को हम झेल रहे हैं। यह एक Rna वायरस है, इसी वजह से यह बार-बार बदल रहा है और नए-नए वेरिएंट के रूप में हमारे सामने आ रहा है।

 

डेल्टा और डेल्टा प्लस के बीच का अंतर

डेल्टा प्लस भी डेल्टा लगभग एक जैसे ही हैं, इनमें बहुत अंतर नहीं है।

डेल्टा अपने आप में ही बहुत तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है। तो डेल्टा प्लस का डेल्टा के बराबर भी होना चिंता की ही बात है।

सबसे पहले था वुहान स्ट्रेन, जिसके बाद आया D641G, जिसने पूरे भारत में तेजी से लोगों को संक्रमित किया।

साल 2020 के अंत में एल्फा वेरिएंट ने दस्तर की, फिर साउथ अफ्रीका के बीटा वेरिएंट ने।

ब्राज़ील में पाए गए एक अन्य वेरिएंट को गामा नाम दिया गया। फिर मुंबई में मिले कोविड का नए वेरिएंट को शुरू-शुरू में डबल म्यूटेंट कहा जा रहा था और उसे ही बाद में डेल्टा वेरिएंट नाम दिया गया।

डेल्टा अब तक का सबसे खतरनाक वेरिएंट साबित हुआ है, जो अन्य सभी वेरिएंट्स के मुकाबले तेजी से आगे बढ़ रहा है

 

क्या है डेल्‍टा प्‍लस वैरिएट ?

कोरोना के नए वेरिएंट को AY.1 या डेल्टा प्लस वेरिएंट नाम दिया गया है। यह डेल्टा वेरिएंट के म्यूटेशन से बना है। या यों कहें कि डेल्टा वेरिएंट का विकसित रूप है। डेल्टा वेरिएंट पहली बार भारत में ही पाया गया था। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित हुए ज्यादातर लोग इसी वेरिएंट का शिकार हुए थे।

 

कितना खतरनाक है?

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सोमवार को 27 डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले सामने आए हैं उनमें गढ़चिरौली और अमरावती में 6-6, नागपुर में 5, अहमदनगर में 4, यवतमाल में 3, नासिक में 2 और भंडारा जिले में 1 मामला पाया गया है। कोरोना के नए वेरिएंट के बढ़ते मामलों ने राज्य सरकारों की भी चिंता बढ़ा दी है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर अलर्ट जारी किया जा चुका है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *