भारतीय घरों में सरसों के तेल को किचन से लेकर स्किन तक के लिए इस्तेमाल किया जाता है. कई जगह पर सरसों के तेल को कड़वा तेल भी कहा जाता है. इसको सबसे ज्यादा खाना बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल सरसों का तेल सेहत और सुंदरता दोनों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. सरसों के तेल को आयुर्वेद में कई दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता है. सरसों के तेल को शरीर के घाव भरने ,जोड़ों के दर्द या कान दर्द जैसी समस्याओं में खूब इस्तेमाल किया जाता है. असल में सरसों के तेल में बहुत से ऐसे तत्व पाए जाते है, जो सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, लेकिन इसके इतने फायदे होने के बावजूद कुछ नुकसान भी हैं,
सरसों के तेल के नुकसानः
एलर्जीः
कुछ लोगों को सरसों के तेल से एलर्जी हो सकती है. जिसके कारण इनको खुजली, सूजन की समस्या हो सकती है. इसलिए जिन लोगों को सरसों के तेल से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए.जिन लोगों को सरसों के तेल से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए
राइनाइटिसः
कई लोगों को सरसों के तेल का सेवन करने से राइनाइटिस हो सकता है. जिससे बलग़म की झिल्ली में सूजन हो जाती है. खांसना, छींकना, भरी हुई नाक, नाक से पानी बहाना आदि समस्याएं हो सकती हैं.
प्रेग्नेंसीः
गर्भवती महिलाओं को सरसों के तेल का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि सरसों के तेल में कुछ ऐसे रासायनिक यौगिक होते हैं. जो पूरी तरह से शिशु के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.
रैशेजः
कुछ लोगों को सरसों के तेल के इस्तेमाल से रैशेज की समस्या हो सकती है. सरसों के तेल की लंबे समय तक मालिश करने से शरीर काला बड़ सकता है. किसी-किसी को इससे शरीर में दाने भी निकल सकते हैं.
दिलः
सरसों के तेल के एरिटिक एसिड सामग्री का उच्च स्तर हमारे दिल की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. यह दिल की मांसपेशियों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकता है.