कबीरधाम जिले के सुदूर व दुर्गम पहाड़ियों में उपर रहने वाले विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति व अन्य वर्गाें की मांग अब पूरी हो रही हैं। जनआकांक्षाओं को विशेष ध्यान में रखते हुए ग्राम दलदली घाटी के उपर पहाड़ी वाली बंजारी माता जी की भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर ने अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान बैगा बाहूल ग्राम दलदली पहुंचकर इस मंदिर निर्माण की आधार शिला रखी। श्री अकबर ने ग्रामीण जनों के साथ बैठक कर विधि-विधान से माता बंजारी मंदिर निर्माण का भूमिपूजन किया। जन आस्था के केन्द्र माता बंजारी की मंदिर निर्माण के भूमिपूजन के बाद श्री अकबर ने मंदिर स्थानीय मंदिर निर्माण समिति को ध्वाजा भी भेंट की। उन्होने कहा कि सब मिलजुलकर जनआकांक्षाओं के अनुरूप यहां बंजारी माता जी की मंदिर बनाया जाएगा। इस मंदिर निर्माण में जो भी सहायोग की अपेक्षा स्थानीय निर्माण समिति कर रही, उसे पूरा किया जाएगा। मंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम में श्री नीलकंठ चन्द्रवंशी, श्री पिताम्बर वर्मा, जिला पंचायत सदस्य श्री मुखीराम मरकाम, जिला पंचायत सदस्य श्री रामकुमार पटेल, जनपद अध्यक्ष श्रीमती अमिता प्रभाती मरकाम, उपाध्यक्ष श्री सनत जयसवाल, श्री गोरेलाल चन्द्रवंशी, दलदली सरपंच श्री हीरा सिंह ग्वाला, श्री अमर सिंह वर्मा, श्री अमित वर्मा सहित श्री बहदूर कंुजम चेन्द्रादादर, प्रभा यादव पिपरखुटा, सरेश कुमार परस्ते बांकी व जेहन सिंह मेरावी भूरसी पकरी के सरपंच व ग्रामीणजन उपस्थित थे।

वनांचल क्षेत्र के वरिष्ठ व जिला पंचायत सदस्य श्री मुखीराम मरकाम ने बताया कि बोड़ला विकासखण्ड के पूरे वनांचल ग्राम दलदली घाटी में यहां के लोग कई पीढ़ियों से माता बंजारी जी पूजा-अर्चना करते आ रहे है। यह जन आस्था का केन्द्र है। माता जी के स्थान पर एक झोपड़ी नुमा मकान बना हुआ है। यहां लोग बस मिल-जुलकर माता जी का मंदिर निर्माण करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक मदद नहीं होने से मंदिर का निर्माण नहीं हो रहा था। आज हम सबका सपना पूरा हो रहा है। दलदली के सरपंच श्री हीरा सिंह ग्वाला ने बताया कि घाटी के उपर यहां के लोगों को जनआस्था का केन्द्र है। यहां के लोग इसे आराध्य देवी के रूप में पूजते है। मंदिर निर्माण की भूमिपूजन होने से पूरे क्षेत्र के लोगों में उत्साह व उमंग का वातावरण बना हुआ है। क्षेत्र के लोगों की मान्यता है कि इस क्षेत्र क लोगों की सुरक्षा माता जी करते है। यहां के लोग पहले माता जी का दर्शन व पूजा-अर्चना करने के बाद ही सभी मांगलिक शुभकार्यों को करते है।

 

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