राजनांदगांव में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए समर्पित संस्था अभिलाषा ने दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जुगल किशोर लड्ढा ने अपनी माता धापी बाई लड्दा की स्मृति में संस्था में कई योगदान दिए। लड्ढा ने संस्था को दो सिलाई मशीनें प्रदान कीं और ट्रेनिंग की व्यवस्था की, जिससे दिव्यांग बच्चे सिलाई-कढ़ाई सीखकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उन्होंने कंप्यूटर शिक्षा के लिए कंप्यूटर और प्रशिक्षक की सुविधा भी उपलब्ध कराई। दिव्यांग छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चार माह का निःशुल्क कराटे ट्रेनिंग भी करवाया गया। निःशुल्क मेडिकल सुविधा उन्होंने संस्था में वाटर कूलर की स्थापना की। बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील रहते हुए लंबे समय तक नियमित चिकित्सक की व्यवस्था की, जिससे बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण होता रहे और उन्हें निःशुल्क दवाएं मिलती रहीं। राज्यपाल ने किया सम्मान लगभग 7-8 सालों तक नियमित रूप से निःशुल्क दूध की व्यवस्था भी की गई। समय-समय पर खाद्य सामग्री भी प्रदान की जाती रही। उनकी इन्हीं सेवाओं को देखते हुए राज्यपाल ने उन्हें सम्मानित किया। संस्था परिवार ने उनके इस निःस्वार्थ योगदान के लिए आभार व्यक्त किया है और उनकी दीर्घायु की कामना की है।