छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में पुलिस ने 3 चचेरे भाइयों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि सुरेश चंद्राकर फरार है। इन भाइयों ने साजिश के तहत मुकेश को डिनर के लिए बुलाया। मारपीट की, फिर मार डाला। वारदात के बाद सभी का अलग-अलग लोकेशन पर भागना पहले से तय था। दैनिक भास्कर को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन सभी ने मिलकर 29-30 दिसंबर को घर पर ही मुकेश की हत्या की साजिश रची थी। इन तीनों चचेरे भाइयों में रितेश उसका सबसे करीबी था। दोनों ने बचपन से साथ में पढ़ाई की थी। इनके बीच रिश्ता काफी जिगरी वाला था। चाहे नई गाड़ी लेनी हो या फिर किसी दुकान से नए कपड़े। यह दोनों आपस में अपने सामान तक शेयर करते थे। मुकेश और रितेश के बीच था गहरा रिश्ता हालांकि, रितेश का बड़ा भाई सुरेश ठेकेदार है। सुरेश के कामों को रितेश भी देखा करता था। सुरेश और मुकेश की आपस में ज्यादा बातचीत नहीं थी। सुरेश की शादी के बाद से दोनों के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे। लेकिन रितेश और मुकेश के बीच सब कुछ ठीक था। साथ घूमना और साथ रहना दोनों करते थे। भ्रष्टाचार की खबर बनाई, तो सुरेश खफा हो गया जब सप्ताहभर पहले मुकेश ने अपने रायपुर के एक साथी के साथ सड़क के भ्रष्टाचार की खबर बनाई, तो सुरेश इस बात से और खफा हो गया था। सड़क की लागत 120 करोड़ रुपए थी। लीपापोती काम कर सुरेश को करोड़ों रुपए का मुनाफा हो रहा था। लेकिन, खबर लगने के बाद सरकार ने इस सड़क के काम की जांच बैठा दी। मुकेश को मारने की बनी थी प्लानिंग सुरेश को आभास हो गया था कि, उसे अब मुनाफा की जगह नुकसान हो गया है। जिसके बाद इन्होंने मुकेश को मारने की प्लानिंग की। मुकेश और रितेश की बातें होती थी। इन दोनों के बीच रिश्ते अच्छे थे। इसलिए प्लानिंग के तहत रितेश को मुकेश को बुलाने के लिए कहा गया था। उन्हें पता था कि रितेश बुलाएगा तो मुकेश जरूर आएगा। पहले 31 तारीख को मुकेश को बुलाया गया था। लेकिन, किसी काम में फंसे होने के कारण मुकेश ने उस दिन प्लान कैंसिल कर दिया। 1 जनवरी को डिनर के लिए बुलाया फिर उसे बार-बार फोन कर 1 जनवरी की रात सुरेश के बैडमिंटन कोर्ट परिसर में बुलाया गया। मुकेश आने के लिए रेडी हो गया। वहीं, किसी को शक न हो इसलिए सुरेश और दिनेश दोनों भाई उस दिन जगदलपुर चले गए थे। जिसके बाद मुकेश को खाना खाने बैठाया गया। पहले खूब पीटा, फिर मार डाला इसी बीच मौका पाकर रितेश ने सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश की पहले पिटाई की, फिर सिर पर लोहे के किसी हथियार से वार कर दिया। जिससे मुकेश के माथे पर ढाई इंच का गड्ढा हो गया था। वारदात के बाद दोनों आरोपियों ने शव को छिपाने के लिए सेप्टिक टैंक में डाल दिया। जिसके बाद ये दोनों बोदली गांव में जाकर छिप गए थे। इन्होंने अपने भाई सुरेश और दिनेश को हत्या की जानकारी दी। हत्या के बाद एक गांव में सभी की मुलाकात दोनों भी जगदलपुर से बोदली पहुंचे। वहीं अगले दिन सुरेश ने अपनी कार देकर रितेश को रायपुर भगा दिया। वो वहां से दिल्ली चला गया था। जिसके बाद दिनेश और महेंद्र फिर से क्राइम लोकेशन पहुंचे। उन्होंने सेप्टिक टैंक पर कंक्रीट की स्लैब डालकर उसे पैक कर दिया। इसी बीच सुरेश हैदराबाद के लिए निकल गया। काम के सिलसिले में बाहर रहता था रितेश, इसलिए हत्या के बाद भगा दिया किसी को शक न हो इसलिए दिनेश जिले में ही था और अपने काम में लगा हुआ था। सूत्र बता रहे हैं कि, रितेश से हत्या इसलिए कराई क्योंकि वो काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता था। जिससे किसी को उस पर शक न हो। दिनेश और सुरेश इसलिए जगदलपुर गए थे, क्योंकि इन पर भी किसी को शक न हो। इस पूरी हत्या की साजिश पहले ही रची गई थी। वहीं, इस मामले में बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने हत्या की साजिश पहले से ही रचने की पुष्टि की है। सुरेश और मुकेश के बीच इसलिए हुई थी अनबन बताया जा रहा है कि, करीब दो से ढाई साल पहले सुरेश चंद्राकर की शादी हुई थी। उसने अपनी दुल्हन को जगदलपुर से बीजापुर हेलीकॉप्टर में लाया था। तब यह मामला देशभर में चर्चा में बना था। उस समय भी सुरेश के खिलाफ बहुत सी खबरें लगी थी। उनके करीबियों का कहना है कि, मुकेश मीडिया से जुड़ा हुआ था, इसलिए उन्हें लगा कि मुकेश ही पत्रकारों से कहकर सुरेश के खिलाफ खबर चलवा रहा है। इस बात पर दोनों के बीच थोड़ी अनबन हुई थी। तब से इनके रिश्ते भी ठीक नहीं चल रहे थे। 50 करोड़ की सड़क हो गई 120 करोड़ की बीजापुर के पूर्व भाजपा नेता अजय सिंह का कहना है कि, कुछ साल पहले गंगालूर से मिरतुर तक 32 किमी के सड़क निर्माण काम का टेंडर निकला था। तब सड़क की लागत 50 करोड़ रुपए थी। सुरेश ने टेंडर लिया। उसके बाद सड़क की लागत 120 करोड़ रुपए हो गई। इस मामले को मैंने पहले भी उठाया था। यही जांच का विषय है कि 50 करोड़ की सड़क 120 करोड़ कैसे हो गई ? आरोपी तो पकड़ा गए, लेकिन उठ रहे यह सवाल सुरेश का खाता सीज, अवैध ठिकाने पर चला बुलडोजर बस्तर के IG सुंदरराज पी ने कहा कि, पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए दिनेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर, महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार कर लिया है। सुरेश की तलाश जारी है। सुरेश के 3 बैंक अकाउंट को सीज कर दिया गया है। वहीं, उसके एक अवैध ठिकाने से गाड़ियों को जब्त किया गया और बुलडोजर चलाया गया। IG ने कहा कि, इनका बैकग्राउंड खंगाला जा रहा है। पहले भी कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड है या नहीं पुलिस थानों से इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। इन सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103, 238, 61, 3(5) की धारा लगाई गई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हत्या हुई है उसके ऐसा लग रहा है इसकी पहले ही प्लानिंग कर ली गई थी। जांच के लिए बनी SIT टीम मुकेश चंद्राकर हत्याकांड की जांच के लिए 11 सदस्यीय SIT टीम का गठन किया गया है। जिसमें बीजापुर से लेकर दंतेवाड़ा और बस्तर जिले के भी पुलिस अधिकारी शामिल हैं। ये हैं टीम के सदस्य सुरेश कुक से बना SPO, फिर बना ठेकेदार बताया जा रहा है कि, सुरेश चंद्राकर बासागुड़ा इलाके का रहने वाला है। इनका परिवार सलवा जुडूम के समय से विस्थापित हुआ था। तब सुरेश एक पुलिस अधिकारी के घर कुक की नौकरी करता था। जिसके बाद SPO (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) की सरकारी नौकरी मिली थी। वह उस समय से छोटे-छोटे कंस्ट्रक्शन का काम लिया करता था। जिसके बाद इसने नौकरी छोड़ दी और ठेकेदारी के काम में लग गया था। अब भाजपा कह रही कि यह कांग्रेस पार्टी का सदस्य है, जबकि कांग्रेस ने इसे भाजपा का कार्यकर्ता होना बताया है। ……………………………………….. इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… पत्रकार मुकेश हत्याकांड…आरोपी सुरेश का पॉलिटिकल कनेक्शन: BJP ने बताया कांग्रेसी कॉन्ट्रैक्ट किलर, कांग्रेस बोली-वो भाजपा प्रवेश कर चुका था, पढ़िए नेताओं का सोशल-मीडिया वॉर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई। उसकी लाश 3 जनवरी को एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुई। पुलिस ने 3 आरोपी रितेश चंद्राकर, दिनेश और महेन्द्र रामटेके को गिरफ्तार किया है। मास्टर माइंड ठेकेदार सुरेश चंद्राकर फरार है। पढ़ें पूरी खबर…

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