बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर के नाम पर एक पत्रकार भवन बनेगा। इसकी घोषणा सरकार ने की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि इसका निर्णय किया जा चुका है। उन्होंने ये भी कहा कि मुकेश के परिवार को 10 लाख की रुपए की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। पत्रकार मुकेश के मामले में कांग्रेस लगातार सरकार पर सवाल उठा रही है। पूर्व CM भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज पत्रकार के परिवार को मदद न दिए जाने की बात कह चुके हैं। इधर कार्टून के जरिए घेरा
भाजपा ने मंगलवार को एक कार्टून भी जारी किया। इसमें पत्रकार मुकेश को मारता हुए सुरेश चंद्राकर को दिखाया गया, साथ में दीपक बैज को भी दिखाया गया है। भाजपा लगातार कांग्रेस को ही मामले का जिम्मेदार बताने के प्रयास में है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस के विधायक के साथ मामले के आरोपी सुरेश चंद्राकर की तस्वीरें वायरल थीं। सुरेश कांग्रेस में पदाधिकारी भी रहा। दूसरी तरफ कांग्रेस सुरेश को भाजपा का करीबी बताती रही। 1 जनवरी को रॉड से मार कर मुकेश की हत्या
दरअसल, पत्रकार मुकेश ने सड़क निर्माण में गड़बड़ी का खुलासा किया था। इसके बाद 1 जनवरी को उनकी हत्या कर शव को सैप्टिक टैंक में डाल दिया गया था। मर्डर केस में ठेकेदार और उसके भाई जेल में बंद हैं। वहीं SIT मामले की छानबीन कर रही है। पत्रकार हत्याकांड में 4 आरोपियों को पकड़ा
3 जनवरी को लाश मिलने के बाद पुलिस ने 4 जनवरी को मुकेश के 2 चचेरे भाई दिनेश, रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया। इसके मास्टरमाइंड ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया।

सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के खुलासे से जुड़ा मामला
मुकेश ने रायपुर स्थित एक साथी पत्रकार के साथ मिलकर सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की खबर बनाई थी। सुरेश चंद्राकर, जो उस सड़क निर्माण का ठेकेदार था। इस खबर से सुरेश बौखला गया। सड़क की लागत 120 करोड़ रुपए थी, लेकिन सड़क की खराब गुणवत्ता के बावजूद सुरेश को लीपापोती के जरिए करोड़ों रुपए का मुनाफा हो रहा था। खबर से नाराजगी, इसलिए हत्या
SIT के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मुकेश चंद्राकर इनका रिश्तेदार था और उनके ठेका काम के खिलाफ लगातार न्यूज कवर कर रहा था। इनके ठेका कार्य की जांच भी शुरू हो गई थी। इस बात से नाराज होकर सुरेश चंद्राकर ने अपने भाइयों के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची।

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