उत्तरप्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा के साथ कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सूबे के तीन लाख युवाओं को छह माह में हुनरमंद बनाया जाएगा। सरकार की पहल से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उनकी आय बढ़ेगी और प्रदेश में विकास की गति तेज होगी। हेल्थ सेक्टर, आक्सीजन प्लांट आपरेटर, उद्योगों में व्यावहारिक प्रशिक्षण युवाओं को देने की शुरुआत हो गई है।
युवाओं को प्रशिक्षित करके उन्हें रोजगार के अवसर देने के लिए जल्द ही 25 जिलों में मेगा प्लेसमेंट शिविर भी लगाए जाएंगे। कोविड संक्रमण के नियंत्रण के लिए 41 हजार से अधिक युवाओं को जनरल ड्यूटी असिस्टेंट-क्रिटिकल केयर, कोविड फ्रंटलाइन वर्कर, इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन, मेडिकल इक्यूपमेंट टेक्नोलाजी असिस्टेंट का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। 15 हजार युवाओं को आक्सीजन प्लांट आपरेटर के कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाना है। इस समय 371 अभ्यर्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के माध्यम से मार्च 2022 तक 50 हजार अभ्यर्थियों को उद्योगों में अप्रेंटिसशिप कराई जाएगी। इसके लिए अभियान चलाकर प्रशिक्षण छात्रों को पंजीकृत किया जाएगा। अब तक सरकार 10 हजार युवाओं को विभिन्न उद्योगों में अप्रेंटिसशिप करा चुकी है। सरकार की योजना रोजगार की उच्च संभावनाओं वाले क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण देना है।
राजकीय आइटीआइ के प्रशिक्षार्थियों को पहली बार आन-जाब-ट्रेनिंग का लाभ मिलने से बड़ा बदलाव आया है। मार्च 2022 तक प्रदेश के राजकीय आइटीआइ के 10 हजार प्रशिक्षार्थियों को उद्योगों में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाना है। उद्योगों से समन्वय और उसमें सहभागिता करते हुए 14356 प्रशिक्षार्थियों को ड्यूल सिस्टम आफ ट्रेनिंग के तहत उद्योगों में शाप-फ्लोर पर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इससे प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण के बाद इन्हीं औद्योगिक इकाईयों में रोजगार मिल जाएगा।