जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने सोमवार को कहा कि जेएनयू हिंदी में कुलपति के संदर्भ को ‘कुलपति’ से बदलकर ‘कुलगुरु’ कर सकता है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने सोमवार को कहा कि जेएनयू हिंदी में कुलपति के संदर्भ को ‘कुलपति’ से बदलकर ‘कुलगुरु’ कर सकता है।

‘डॉ. बी.आर. अंबेडकर थॉट्स ऑन जेंडर जस्टिस: डिकोडिंग द यूनिफॉर्म सिविल कोड’ शीर्षक से डॉ. बी.आर. अंबेडकर पर व्याख्यान देते हुए कुलपति ने कहा कि कुलगुरु शब्द को बदलने का प्रस्ताव अधिक ”लैंगिक तटस्थता” लाने के लिए था।

यह 14 सितंबर को कार्यकारी परिषद में चर्चा के कारण है, मैं कुलपति को कुलगुरु में बदल दूंगी। जब मैं विश्वविद्यालय में आई थी तो सब कुछ ‘HE’ था, मैंने उसे ‘SHE’ बना दिया। अब ‘SHE’ सभी दस्तावेजों पर प्रयोग किया जाता है।

उन्होंने इस मौके पर एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यहां तक ​​कि जब उन्होंने मेरा जिक्र किया तो उन्होंने ‘HE’लिखा। इससे मुझे विचार आया मैं इसे कुलगुरु कहना चाहती हूं।

गौरतलब है कि हालिया संसद सत्र के दौरान उस समय हंगामा मच गया था, जब कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ के रूप में संबोधित किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने उस गलती के लिए माफी मांगते हुए कहा था कि ‘जुबान फिसलने’ की बात कही थी।

इस विवाद ने संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के लिए अधिक लैंगिक तटस्थता वाले शब्दों के उपयोग पर बहस को जन्म दे दिया था।

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