जयशंकर भारत के दो प्रमुख समुद्री पड़ोसियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के लिए इन देशों की यात्रा पर हैं. शाहिद के साथ बैठक के बाद जयशंकर ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम अच्छे पड़ोसी हैं. हम मजबूत भागीदार हैं. हमने विकास और प्रगति के लिए पारस्परिक रूप से निवेश किया है. हालांकि, साथ ही हम पर क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा की साझा जिम्मेदारी भी है.’’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत और मालदीव अच्छे पड़ोसी व मजबूत साझेदार हैं और दोनों देशों पर क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा की साझा जिम्मेदारी है. मालदीव और श्रीलंका की तीन दिवसीय यात्रा के पहले पड़ाव पर यहां पहुंचे जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ ‘‘फलदायी चर्चा” के बाद यह बात कही.
जयशंकर भारत के दो प्रमुख समुद्री पड़ोसियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के लिए इन देशों की यात्रा पर हैं. शाहिद के साथ बैठक के बाद जयशंकर ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम अच्छे पड़ोसी हैं. हम मजबूत भागीदार हैं. हमने विकास और प्रगति के लिए पारस्परिक रूप से निवेश किया है. हालांकि, साथ ही हम पर क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा की साझा जिम्मेदारी भी है.”
जयशंकर ने कहा, “हमारा इरादा है कि छोटे देशों की चिंताओं को जी20 में हमारे माध्यम से आवाज मिले. मैं यह रेखांकित करना चाहता हूं कि हम बहुपक्षीय सहयोग को गहराई से महत्व देते हैं.” उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच की सुरक्षा साझेदारी भी लगातार मजबूत हो रही है.
जयशंकर ने कहा, ‘‘एक बार फिर यहां, भारत अपने और इस व्यापक क्षेत्र के लिए मालदीव की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने का सदैव इच्छुक है.” इससे पहले, मालदीव पहुंचने पर यहां हवाई अड्डे पर जयशंकर का मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने पारंपरिक रूप से स्वागत किया. जयशंकर ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए यहां विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना (एचआईसीडीपी) के लिए 10 करोड़ मालदीव रूफिया की अतिरिक्त अनुदान सहायता को लेकर भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस अनुदान सहायता के जरिये देश भर में कई सामाजिक-आर्थिक विकास परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया जाएगा. अन्य समझौतों में मालदीव राष्ट्रीय विश्वविद्यालय और कोच्चि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीच अकादमिक सहयोग शामिल है.