बस्तर कमिश्नर श्री जी.आर. चुरेंद्र ने संभाग के सभी जिला कलेक्टर को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के हल्का पटवारियों को वर्तमान रहवास क्षेत्र के हल्कों में अतिरिक्त दायित्व सौपने के निर्देश दिए। उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि जिला सुकमा, बीजापुर, कोण्डागांव, नारायणपुर, बस्तर, कांकेर, दंतेवाडा के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के पटवारी हल्कों में पदस्थ बहुत से पटवारी नक्सली भय के चलते अपने हल्का क्षेत्र में निवास न कर बहुत दूर भिन्न क्षेत्रों में निवास कर रहे है। उनसे समुचित रूप से बिना काम लिए हर माह वेतन भुगतान किया जा रहा है। ऐसे पटवारियों की प्रतिभा व क्षमताओं का उपयोग नहीं होने से जनहित एवं शासन हित दोनों प्रभावित हो रहा है।
कमिश्नर श्री चुरेंद्र ने निर्देशित किया है कि पटवारियों को वर्तमान रहवास क्षेत्र के पटवारी हल्कों के ग्रामों की भू-अभिलेख अद्यतन करने व समुचित रख-रखाव में आस-पास के हल्का पटवारियों के साथ लिंक कर उनके साथ कार्य करने हेतु संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (रा.), तहसीलदार को आदेशित किया जाए। हल्के के मूल पटवारी व लिंक पटवारी दोनों मिलकर जा कार्य करें उससे संबंधित डायरी, दैनंदिनी संधारित कराया जाए। इसके साथ ही अद्यतन किये गए भू-अभिलेख ठीक करने के साथ ऐसे पटवारियों को स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप अन्य कार्यो यथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग आदि से संबंधित कार्य में भी उनका योगदान लिया जाकर इन्हें सक्रिय रखा जाए समय-समय पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के पटवारियों के कार्य की समीक्षा के साथ इनका प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला रखा जाए। विशेषकर हर तीन माह में पटवारी हलकें के अंतर्गत खसरा-बी-1 पठन ग्रामवार कराया जाकर फौती, नामांतरण, अन्य नामांतरण, खाता बंटवारा, रिकार्ड दुरूस्ती, डायवर्सन के नए मामलों में रिपोर्टिंग, वृक्ष कटिंग, अवैध कब्जा, अवैध माईनिंग की रिपोर्टिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य सतत् रूप से कराया जाए।
इसके अलावा कमिश्नर श्री चुरेंद्र ने कहा कि नक्सल प्रभावित ग्राम पंचायतों को प्राप्त राशि, मदवार व्यय और शेष राशि की जानकारी तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंचायतों में नक्सली भय व आतंक तथा पंचायत के सरपंचों व सचिवों के ग्राम मुख्यालय में नहीं रहने के कारण पंचायत के ग्रामों में विकास कार्य नहीं होने के फलस्वरूप पंचायतों के खातों में लाखों रूपये पड़ा रहता है। पंचायतों में हो रहे अनियमितता के मामले त्वरित जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिले के सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के द्वारा पंचायतों में विभिन्न मदों में उपलब्ध राशि का ग्राम पंचायत व ग्राम सभा में खर्च किए जाने के संबंध में कार्य योजना का तैयार करवाने के निर्देश दिए है। जिसमें  शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, पेयजल व्यवस्था, सिंचाई सुविधायें, छोटे-छोटे पुलिया निर्माण, कृषि, उद्यानिकी व्यवस्था, गरीबी उन्मूलन, मछलीपालन आदि कार्य करवाने  हेतु विशेष पहल ग्राम पंचायत स्तर से ही विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर की जाए। इस विशेष ग्राम सभा के पूर्व ग्राम पंचायत के अलग-अलग गावों तथा गावों के पारा, मोहल्ला में ग्रामीणों के साथ बैठकर उनके गावों में कराये जाने वाले कार्यों की प्राथमिकता तय की जाए।

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