ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय को बेहतर बनाने के लिए कृषि एवं सहयोगी विभागों की योजनाओं को महत्वपूर्ण बताते हुए कमिश्नर श्री चुरेन्द्र ने प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने पर जोर दिया। शुक्रवार को कमिश्नर कार्यालय में आयोजित मछलीपालन, पशुपालन और रेशम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर श्री चुरेन्द्र ने कहा कि लोगों के जीवन स्तर को बेेहतर बनाने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने ग्राम सभाओं के माध्यम से शासन की योजनाओं को गांव-गरीब तक पहुंचाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कृषि एवं सहयोगी विभागों को हितग्राहियों तक योजनाओं को पहुंचाने के लिए विभिन्न स्थानों पर शिविर आयोजित करने के निर्देश भी दिए, जिनमें कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन तथा रेशम के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित हों। उन्होंने सामूहिक कृषि के माध्यम से वर्ष भर खेती को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने सभी गौठानों में शासन की योजनाओं के तहत कृषि एवं अन्य सहयोगी विभागों के माध्यम से रोजगारमूलक गतिविधयों को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।

कमिश्नर श्री चुरेन्द्र ने कार्य के बेहतर परिणाम के लिए कार्य संस्कृति में परिवर्तन की आवश्यकता बताते हुए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों को मासिक, त्रैमासिक और अर्द्धवार्षिक लक्ष्य तय करते हुए कार्य करना चाहिए। माह के पांच दिन पूर्व अपने नियंत्रणकर्ता अधिकारी को माह में किए जाने वाले कार्य तथा भ्रमण की योजना सौंपने के साथ ही माह के पूर्ण होते ही किए गए कार्य का विवरण भी सौंपना चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण पर भी जोर दिया।
कमिश्नर श्री चुरेन्द्र ने कहा कि आज के दौर में मछलीपालन खेती की अपेक्षा अधिक लाभकारी है। उन्होंने पंचायतों को स्वायत्त बनाने के लिए मत्स्यपालन विभाग के मार्गदर्शन में तालाबों के निर्माण के साथ ही उपयुक्त स्थानों में हैचरी बनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने पखांजुर क्षेत्र के किसानों द्वारा उन्नत ढंग से की जा रही मछलीपालन को देखने के लिए संभाग के अन्य क्षेत्रों के किसानों के भ्रमण के निर्देश भी दिए। तालाबों में मछलियों के तेजी से बढ़ने के लिए पानी की आवश्यकता के साथ ही तालाबांे के जलमार्ग में आ रही बाधाओं के कारण तालाबों के जलस्तर में आ रही समस्याओं के निराकरण के संबंध में भी उन्होंने निर्देशित किया। उन्होंने तेजी से गिर रहे जलस्तर के समाधान के लिए भी अधिक से अधिक तालाबों के निर्माण की जरुरत बताई।

कमिश्नर ने गौपालन को किसानों की समृद्धि का आधार बताते हुए कहा कि गौपालन से किसानों को दुध के रुप में पोषक आहार के साथ ही गोबर के माध्यम से खाद व गौमूत्र के माध्यम से फसल और मानव रोगों के उपचार हेतु औषधि प्राप्त होती है, जो किसानों की कई समस्याओं का समाधान है। कमिश्नर ने गौपालन को प्रोत्साहित करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से उन्नत वंश की वृद्धि तथा चारगाह विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने इसके साथ ही अंचल में रेशमपालन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करते हुए क्षेत्र-प्रसार पर जोर दिया। बैठक में उपायुक्त श्री बीएस सिदार सहित कृषि विभाग के संयुक्त संचालक श्री ध्रुव सहित पशुपालन, मछलीपालन और रेशम विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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