क्या शरद पवार अपने राजनीतिक करियर में सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे हैं। इस कयास को रविवार को तब और बल मिल गया, जब एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अजित पवार ने बागी तेवर दिखा दिए।

महाराष्ट्र की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शरद पवार के दांव हमेशा चौंकाते रहे हैं, लेकिन बीते कुछ वक्त से वह खुद मुश्किल में घिरे दिखे हैं। कुछ महीने पहले उनके प्रयासों से बनी महा विकास अघाड़ी सरकार एकनाथ शिंदे की बगावत के चलते गिर गई थी। इसके अलावा उनकी अपनी पार्टी एनसीपी में भी ऑल इज वेल जैसी स्थिति नहीं दिख रही है। इससे सवाल उठ रहा है कि क्या शरद पवार अपने राजनीतिक करियर में सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे हैं। इस कयास को रविवार को तब और बल मिल गया, जब दिल्ली में एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अजित पवार ने बागी तेवर दिखा दिए। अजित पवार ने जयंत पाटिल का नाम वक्ता के तौर पर बुलाए जाने के ऐलान के साथ ही मंच छोड़ दिया।

उन्हें जयंत पाटिल के बाद बोलना था, लेकिन वह वापस ही नहीं लौटे। इस तरह मंच पर शरद पवार की मौजूदगी में अजित पवार के इस रुख को बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पार्टी में फूट होने के कयास भी लगाए जाने लगे हैं। रविवार को इसकी बानगी खुले तौर पर दिखी है। पार्टी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि शरद पवार के समापन भाषण से पहले अजित पवार संबोधित करेंगे। लेकिन वह मंच से ऐसे उठे कि फिर लौटे ही नहीं और उनका इंतजार होता रहा है। मंच से ही कहा गया कि अजित पवार टॉयलेट में हैं। लेकिन वह देर तक नहीं आए और जब लौटे भी तो शरद पवार का समापन भाषण चल रहा था।

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