करण जौहर की फ़िल्म पाठशाला से निकले स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने आख़िरकार शेरशाह से हर इम्तेहान पास कर लिया। फ़िल्म को ज़्यादातर समीक्षकों और दर्शकों ने अच्छे रिव्यूज़ दिये हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सिद्धार्थ का टाइम अब आ गया है।

 

सिद्धार्थ मल्होत्रा ने करियर के लिए वो कारनामा किया है, जिसकी उम्मीद और इंतज़ार हर अभिनेता को अपने करियर में रहती है। ख़ुद सिद्धार्थ इसको लेकर क्या साचते हैं? क्या उन्हें भी ऐसा लगता है कि शेरशाह के बाद उनके करियर का रुख़ अब एक नयी दिशा लेगा, जो मेगा स्टारडम की तरफ़ जाती है?

मीडिया रिपोर्ट में सिद्धार्थ ने कहा- ”जी, आज के रिस्पॉन्स के बाद ज़रूर लगता है, पर मेरे करियर में टर्निंग प्वाइंट हो या ना हो, लेकिन मेरे करियर में एक बहुत प्यारी पिक्चर ज़रूर आयी है, जिसे देखने का मौक़ा दर्शकों को मिला। मुझे बतौर एक टीम उसका हिस्सा बनने का मौक़ा मिला। प्यार सबसे अधिक ज़रूरी है। कोई भी कलाकार यही चाहता है कि उसे अपने क्रिएटिव वर्क के लिए प्यार मिले। उसे आप चाहे टर्निंग प्वाइंट कहें। अच्छी पिक्चर कहें या अच्छी परफॉर्मेंस कहें।”

सिद्धार्थ आगे कहते हैं- ”शेरशाह मेरे लिए बहुत लम्बा समय रहा है, लगभग 5 साल। अलग-अलग स्क्रिप्टस, अलग-अलग टीम। अलग-अलग प्रोडक्शन हाउसेज़। जब कहानी इतनी स्पेशल हो, कैप्टन विक्रम बत्रा की। एक वीर बहादुर की कहानी, जिन्होंने हम सबके लिए जान कुर्बान कर दी। 500 से अधिक जवान कारगिल में शहीद हुए थे, उन सबके प्रति बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी थी। यही कोशिश थी कि सही तरीक़े से फ़िल्म में उन्हें दिखा सकूं। जब लोगों का प्यार मिल रहा है तो हम सब लोगों के लिए बहुत इमोशनल मोमेंट है। गर्व भी होता है जो काम करने निकले थे, वो कर सके।”

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