IPL 2023 Auction: शुक्रवार को हुई मिनी ऑक्शन में अलग-अलग कारणों से कभी चमकदार रहे और भविष्य वाले या कुछ अच्छे नाम नहीं ही बिक सके.नई दिल्ली: 

कोच्चि में शुक्रवार को इंडियन प्रीमियर लीग (2023) के लिए हुई मिनी ऑक्शन (Ipl Auction) में जहां कुछ खिलाड़ियों पर उम्मीद से पैसा बरसा, तो कुछ पर उम्मीद से कहीं ज्यादा बरसा! वहीं. कुछ ऐसे खिलाड़ी भी रहे, जो पिछले संस्करणों में अपनी-अपनी टीम के लिए सितारा थे, या जिन्हें  भविष्य का खिलाड़ी कहा जा रहा था, या ऐसे भी हैं, जो वर्तमान में अपने देश की टीम में खेल रहे हैं, लेकिन इनको कोई भी खरीददार नहीं मिला. चलिए आपको मिलवाते हैं कि ऐसे ही खिलाड़ियों से और इनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें भविष्य में वापसी करने के लिए खासा दम लगाना पड़ेगा, तो कुछ का आईपीएल करियर भी खत्म माना जा सकता है.

1. जिमी नीशम
यह काफी हद तक चौंकाता है कि जब ज्यादातर फ्रेंचाइजी टीम में ऑलराउडंरों की तलाश में थीं, तो न्यूजीलैंड वनडे और टी20 टीम का अहम हिस्सा जिमी नीशम क्यों किसी फ्रेंचाइजी की प्लानिंग का हिस्सा नहीं बन सके. वैसे पहलू यह भी है कि ऑलराउंड योग्यता के बावजूद जिमी पिछले सीजन में भी ज्यादा मैच नहीं खेले. साल 2014 में आईपीएल से जुड़ने के बाद जिमी फिर 2020 और 21 में खेले. वह अलग-अलग टीमों के लिए खेले.  साल 2020 में पंजाब तो अगला सीजन मुंबई और फिर इस साल राजस्थान के लिए. पिछले साल नीशम तीन ही मैचों में फिट हुए. बैटिंग आई नहीं, लेकिन विकेट पांच लिए. साल 2020 में भी वह 5 मैच खेले थे. और तीन पारियों में 9.50 के औसत से 19 रन बनाए और 2 विकेट लिए. हैरानी इस बात से होती है कि ऑलराउंड काबिलियत होने के बावजूद उन्हें कम मैच क्यों मिले. यही शायद उनके न बिकने की वजह बन गया.

2. एडम मिल्ने
फ्रेंचाइजी इस ऑक्शन में अच्छे तेज गेंदबाज भी तलाश रही थीं, लेकिन इसके बावजूद न्यूजीलैंड के एडम मिल्ने बिक पाने में नाकाम रहे. हालिया समय में मिल्ने ने न्यूजीलैंड के लिए अच्छ प्रदर्शन किया है. मिल्ने 42 वनडे में 45 और 35 टी20 मैचों में 36 विकेट ले चुके हैं, लेकिन मिल्ने का किसी टीम से मिलन नहीं हुआ. शायद एक वजह यह भी रही कि वह तीस साल के हो चुके हैं और फ्रेंचाइजी टीमों की नजर युवा खिलाड़ियों पर ज्यादा थी. लेकिन वजह और भी थी. मिल्ने आईपीएल में 2016 से जुड़े थे, लेकिन साल 2021 में वह 3.20 करोड़ में मुबंई से जुड़े थे, तो इस साल 1.90 करोड़ पर वह चेन्नई के लिए खेले. मुंबई के लिए चार मैचों में 3 विकेट लिए, तो चेन्नई के लिए इस साल एक ही मैच खेले. यह पहलू भी फ्रेंचाइजी मैनेजरों और कोचों की नजरों में जरूर रहा होगा.

3. कुसल मेंडिस
श्रीलंका के 27 साल के विकेटकीपर-बल्लेबाज कुसल मेंडिस की उम्र अभी 27 साल की ही है, लेकिन अच्छी बैटिंग करने वाले मेंडिस किसी भी टीम की प्लानिंग में फिट नहीं बैठे. कुसल कभी भी आईपीएल में नहीं खेले हैं. वनडे में शतक बना चुके हैं, लेकिन 49 टी20 मैचों में औसत करीब 22.53 का है. यही वजह है शायद कि जहां उम्रदराज मैथ्यू वेड गुजरात टाइटंस का हिस्सा हैं, लेकिन कुसल मेंडिस के लिए किसी टीम में जगह नहीं है.

 4. मुजीब-उर-रहमान
अफगानिस्तान के रहस्यमयी बॉलर और सिर्फ 21 साल के मुजीब-उर-रहमान का न बिक पाना कुछ हद तक हैरानी सबब रहा. एक समय सा 2019 में पंजाब ने मुजीब को चार करोड़ की रकम पर खरीदा था. पहले साल उनका शोर रहा, लेकिन वक्त गुजरा, तो यह शोर कम होता गया. मतलब वह हर गुजरते साल कम मैच खेले. पिछले साल वह एक ही मैच खेल सके. हालांकि, उन्होंने दो विकेट लिए, ऐसे में 21 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और भविष्य होते हुए भी मुजीब बिक पाने में नाकाम रहे. कुल मिलाकर उनके नाम 19 मैचों में इतने ही विकेट हैं.

 5. प्रियम गर्ग
भारत की जूनियर टीम के कप्तान रह चुके और कभी भविष्य करार दिए गए प्रियम गर्ग को हैदराबाद ने हद से बाहर जाकर सहारा दिया, लेकिन यह सहारा उन्हें इस बार नहीं ही मिला. गर्ग शुरुआत से ही हैदराबाद के साथ रहे और उन्हें साल 2020 में फ्रेंचाइजी ने अगले सीजन तक 1.90 करोड़ में अपने साथ रखा, लेकिन इस साल यह दाम 20 लाख रह गया, तो वहीं उनका प्रदर्शन भी गिरता ही गया. गर्ग का साल 2020 में 14 मैचों की दस पारियों में औसत 14.77, 2021 में 5 मैचों में 14.40 और इस साल 2 मैचों में उन्होंने 23 के औसत से 46 रन बनाए. लेकिन हैदराबाद को यह हजन नहीं हुआ और उन्हें रिलीज कर दिया गया. दुखद यह रहा कि युवा और 20 लाख पेस प्राइस वाले प्रियम को किसी ने नहीं खरीदा

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