निर्यात पर सरकारी प्रतिबंध लगने के बाद पांच इस्लामिक देशों ने गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत से अनुरोध किया था। खास बात यह कि ये ऐसे देश थे जहां पैगंबर विवाद के बाद प्रदर्शन हुए थे।

गेहूं के निर्यात पर सरकारी प्रतिबंध लगने के बाद दुनिया के कई देशों में हड़कंप मच गया था। इतना ही नहीं इसके बाद कुछ देशों ने गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत से अनुरोध भी किया था। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भारत से वाणिज्यिक गेहूं का निर्यात यमन के लिए आपूर्ति का एक अहम जरिया बन कर सामने आया है।

भारत से गेहूं की खेप यमन के लिए आपूर्ति का स्रोत
दरअसल, संकट के समय भारत ने यमन को गेहूं देकर जो मदद की है, संयुक्त राष्ट्र ने उसकी तारीफ की है। संयुक्त राष्ट्र में मानवीय मामलों के लिए सहायक महासचिव एवं आपात राहत उप समन्वय जॉयसे सूया ने परिषद में अपने संबोधन में कहा कि भारत से गेहूं की खेप यमन के लिए आपूर्ति का अहम स्रोत बन रही है। खासतौर पर यूक्रेन में जारी युद्ध को देखते हुए यह काफी अहम था।

रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से आपूर्ति में खतरा
उन्होंने यह भी कहा कि हम यमन और भारत सरकार के बीच भारत से गेहूं निर्यात करने को लेकर जो हालिया सकारात्मक बातचीत हुई है, इससे भी उत्साहित हैं। यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भारत से वाणिज्यिक गेहूं का निर्यात यमन के लिए एक अहम आपूर्ति स्रोत के रूप से उभरा है। सूया ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि यूक्रेन युद्ध आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए खतरा पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कुल गेहूं का आधा हिस्सा रूस और यूक्रेन से आया था।

जरूरतमंद देशों को अनाज मुहैया करा रहा भारत
वहीं विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने यमन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक में कहा कि वैश्विक बाजारों में आपूर्ति में बदलाव को और खाद्य सुरक्षा पर उसके विपरीत प्रभाव को कम करने के लिए जरूरतमंद देशों को भारत वित्तीय सहायता और अनाज मुहैया करा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले तीन माह में यमन को 2,50,000 टन से अधिक गेहूं निर्यात किया है।

संयुक्त सचिव ने यमन को लेकर चिंता भी जताई 
गुप्ता ने परिषद में अपने संबोधन में यमन को गेहूं उपलब्ध कराने में भारत के योगदान का जिक्र करने के लिए सूया का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर हुदैदा बंदरगाह का नागरिक इस्तेमाल भी सुनिशचित किया जाना जरूरी है, क्योंकि ये बंदरगाह यमन में खाद्य पदार्थ और अन्य जरूरी वस्तुओं के आने का मुख्य मार्ग है। गुप्ता ने अरब प्रायद्वीप में अलकायदा के हमले बढ़ने पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह संगठन यमन में शांति और स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा करता है।

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