बलरामपुर जिले के डिंडो ग्राम पंचायत में शकुंतला मेडिकल एजेंसी के नाम पर अवैध क्लिनिक और पैथोलॉजी लैब संचालित की जा रही है। यहां बिना किसी डिग्री और वैध लाइसेंस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। मेडिकल एजेंसी ने दुकान के अंदर दो कमरे बनाकर इन्हें क्लिनिक और लैब में तब्दील कर दिया है। जानकारी के मुताबिक जिले के रामानुजगंज ब्लॉक में शकुंतला मेडिकल एजेंसी ने अपनी दुकान के अंदर दो कमरे तैयार किए हैं, जिनमें क्लिनिक और पैथोलॉजी लैब का संचालन किया जा रहा है। यहां मरीजों को न केवल भर्ती किया जा रहा है, बल्कि उनका इलाज भी बिना किसी विशेषज्ञता के किया जा रहा है। झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से बढ़ी मौतें ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से क्षेत्र में मौतों के कई मामले सामने आए हैं। नवंबर 2024 में एक दर्दनाक घटना हुई थी, जिसमें शंकरगढ़ के लक्ष्मी मेडिकल स्टोर में एक महिला की जान चली गई।हॉस्टल अधीक्षिका गायत्री मिंज, जो पाइल्स की बीमारी से जूझ रही थीं, इलाज के लिए अपने पति के साथ लक्ष्मी मेडिकल स्टोर गईं। वहां मेडिकल संचालक अशोक बंगाली ने उन्हें दर्द का इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगने के तुरंत बाद गायत्री की मौत हो गई। प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में जिले में इस तरह के अवैध क्लिनिक लंबे समय से सक्रिय हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। आमतौर पर प्रशासन किसी घटना के बाद ही हरकत में आता है, लेकिन ऐसे मामलों में लगातार हो रही मौतों के बावजूद कार्रवाई में देरी चिंताजनक है। गैरकानूनी है बिना लाइसेंस के इलाज बिना डिग्री और लाइसेंस के मरीजों का इलाज करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह एक गंभीर अपराध भी है। यह न केवल मरीजों के स्वास्थ्य को खतरे में डालता है, बल्कि उनके जीवन के साथ भी खिलवाड़ करता है।