बजरंग दल (Bajrang Dal) जैसे दक्षिणपंथी समूहों पर “जाति या धर्म के आधार पर दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने” पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के वादे पर भारी राजनीतिक विवाद (political controversy) की स्थिति बन गई थी.

नई दिल्ली: 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव (karnataka Assembly Election) परिणाम के रुझानों में कांग्रेस (Congress) ने बहुमत का आंकड़ा 113 को पार कर लिया है. इसी के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाने के साथ-साथ लड्डू बांटना शुरू कर दिया है. नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में बजरंग बली की जय के नारे लगने लगे. कांग्रेस कार्यालय में बजरंगबली के वेश में कई कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे और भाजपा व दक्षिणपंथी दलों पर निशाना साधा. “बजरंगबली बीजेपी के नहीं कांग्रेस के साथ हैं.बजरंग बली ने बीजेपी पर फाइन दिया है” जैसे नारे लगाए लगे.

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा गया था, “हमारा मानना ​​है कि कानून और संविधान पवित्र है और बजरंग दल, पीएफआई जैसे संगठनों जो बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं उन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. कांग्रेस की इस घोषणा का बीजेपी ने मुखर विरोध किया था. इसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने कहा था कि बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है. वहीं बीजेपी ने इस विवाद को चुनावी मुद्दा बना लिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने कांग्रेस पर भगवान हनुमान का अपमान करने का आरोप लगाया था.

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