देश भर के 14 से 16 साल के विद्यार्थियों पर सर्वे के बाद तैयार की गई रिपोर्ट देश में 14 से 16 साल के औसतन 89.1 फीसदी विद्यार्थियों के पास घरों में स्मार्ट फोन है, जबकि छत्तीसगढ़ में 93.8 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास घरों में स्मार्ट फोन हैं। असर की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। हालांकि इनमें से देश में 82.2 और छत्तीसगढ़ में 82. 5 प्रतिशत ही इसका इस्तेमाल करते हैं। राज्य में इस आयु वर्ग के 19.7 और देश में 31.4 प्रतिशत युवाओं के पास खुद के स्मार्ट फोन हैं। वे इसका उपयोग करते हैं। इसी आयु वर्ग के प्रदेश के 67.6 फीसदी युवा डिजिटल स्किल में दक्ष पाए गए हैं। इन विद्यार्थियों से उनका स्किल टेस्ट लेने मोबाइल पर अलार्म सेट करने, ब्रॉस फॉर इंफर्मेशन और स्पेसिफिक टॉपिक का वीडियो सर्च कर दोस्तों या परिवार के सदस्यों को शेयर करने को कहा गया था। देश में असर की वर्ष 2024 की रिपोर्ट आज जारी कर दी गई है। इसमें छत्तीसगढ़ में पढ़ाई-लिखाई की स्थिति को लेकर भी बड़े खुलासे किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में तीसरी के 24.4 प्रतिशत बच्चे ही दूसरी कक्षा का पाठ पढ़ पाते थे जो 2024 में बढ़कर 25 प्रतिशत तक हो गए। देश में तीसरी कक्षा के औसतन 27.6 फीसदी बच्चे ही गणित सवाल कर पाते हैं। छत्तीसगढ़ 12 वें नंबर पर है। इनमें सबसे अधिक प. बंगाल के 37.5 और छग के 22 प्रतिशत बच्चे हैं। गांवों में 15-16 साल के 2022 में 16.3% लड़के और 11.2% लड़कियों ने एडमिशन नहीं लिया था। 28 जिलों के 834 गांवों पर तैयार है रिपोर्ट असर के अधिकारी सनीत साहू के अनुसार लगभग 22 पन्नों में प्रदेश की शिक्षा का खाका पेश किया गया है। सर्वे टीमें 28 जिलों के 834 गांवों के 16500 घरों तक पहुंचीं। उन्होंने 31,099 बच्चों से बात की जो 3 से 16 साल के थे। इसमें 1346 वॉलिंटियर्स लगे थे। इसमें 10 कॉलेज, 7 डाइट और 3 एनजीओ ने भी मदद की। सर्वे के लिए हर जिले के 30 गांवों का रैंडमली चयन किया गया। खास बातें

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