21 जुलाई, गुरुवार को AICC में आजाद और शर्मा के अलावा G-23 के दो और नेता मनीष तिवारी और शशि थरूर भी पहुंचे थे। खास बात है कि ये दोनों नेता भी जून में हुए विरोध प्रदर्शन में नजर नहीं आए थे।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को फिर तलब किया है। खबर है कि इस मौके पर पार्टी की गतिविधियों में वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा की खास ‘वापसी’ देखने को मिल सकती है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी प्रमुख के बचाव और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर हमला करने के लिए G-23 के दोनों नेताओं को मैदान में उतार सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शर्मा और आजाद साल 2020 में 23 नेताओं का खत सामने आने के बाद से ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं कर रहे थे। अब खबर है कि पार्टी इन दोनों नेताओं को सामने लाने की तैयारी कर रही है। वह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ नजर आ सकते हैं।

खास बात है कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से ED की पूछताछ के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जमकर हंगामा किया था। खबर है कि उस दौरान दोनों नेता गायब रहे थे। वहीं, जब पहली बार सोनिया को पूछताछ के लिए जांच एजेंसी ने बुलाया, तो दोनों ही वरिष्ठ नेता AICC मुख्यालय पर नजर आए थे।

21 जुलाई, गुरुवार को AICC में आजाद और शर्मा के अलावा G-23 के दो और नेता मनीष तिवारी और शशि थरूर भी पहुंचे थे। खास बात है कि ये दोनों नेता भी जून में हुए विरोध प्रदर्शन में नजर नहीं आए थे। एक ओर जहां तिवारी कोविड-19 का सामना कर रहे थे। वहीं, थरूर विदेश यात्रा पर थे।

भाषा के अनुसार, सोनिया से पहली बार 21 जुलाई को मामले में दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई थी। रायबरेली से लोकसभा सदस्य गांधी ने तब एजेंसी के 28 सवालों के जवाब दिए थे। एजेंसी ने उस समय समाचार पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ और मामले में जांच के दायरे में आने वाली कंपनी ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ के साथ उनकी संलिप्तता के संबंध में पूछताछ की थी।

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