केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह भव्य भवन एनआईए की बढ़ती साख और दबदबे का प्रतीक है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह भव्य भवन एनआईए की बढ़ती साख और दबदबे का प्रतीक है। एनआईए की स्थापना का समय लंबा नहीं है। किसी भी एजेंसी को उभरने, साख बनाने और परिणाम लाने में लंबा समय लगता है, लेकिन एनआईए ने कम समय में ही काम में बेंचमार्क स्थापित किया है। क्राइम एंटी टेरर एजेंसी की मान्यता हासिल की है। यह देश के लिए गौरव की बात है। दोष सिद्धि के मामले में एजेंसी ने गोल्ड मानक हासिल किए हैं। एजेंसी ने 94% मामलों को सुलझाया है। इसमें ऐसे भी मामले हैं, जिसमें षड्यंत्र देश के बाहर होते हैं और घटना यहां होती है। राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में NIA की महत्वपूर्ण भूमिका है।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 3 साल में एक फेडरल क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बनाने का भरसक प्रयास किया है। रायपुर में सवा एकड़ में दफ्तर बनाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोनों को सहयोग देने के लिए धन्यवाद देता हूं। विगत वर्षों में 10 राज्यों में एनआईए ने अपने काम का विस्तार किया है। 2019 में चंडीगढ़, 2020 में रांची, इंफाल और चेन्नई, 2022 में जयपुर, अहमदाबाद, बैंगलुरू, पटना, भोपाल और भुनेश्वर राज्यों में दफ्तर खोले गए। एनआईए ने 3 साल में 18 राज्यों में अपने ब्रांच खोले गए हैं। मई-2024 से पहले देश के सभी राज्यों में एनआईए की ब्रांच होगी। केंद्र सरकार ने एनआईए को मजबूत करने का काम किया है और इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं।

आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित कर रही NIA
अमित शाह ने कहा कि एनआईए को मजबूत करने क्वालिटी ऑफ इनवेस्टिगेशन, तकनीक का उपयोग, मैन पावर सहित सभी चीजों को अपनाया गया है। आतंकवाद और वामपंथियों से देश को मुक्त कराने में एनआईए की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। एनआईए का दायरा देश से बढ़ाकर विदेशों तक किया है। आतंकवाद की प्लानिंग करने वालों तक एनआईए पहुंचकर जांच कर रही है। आतंकवादी संगठनों को प्रतिबंधित करने का काम एनआईए कर रही है। अब तक 36 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी मान्यता प्राप्त हुई है। टेरर फंडिंग के मामले में अंकुश लगा है। कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त किया गया है। 2018 से 2020 105 मामले दर्ज किए। 876 आरोपियों को पकड़ लिया गया। 105 में से 94 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई है।

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