सरगुजा जिले में उरांव जनजाति के लिए आरक्षित श्मशान की जमीन से लाश उखाड़कर फेंक दिया जा रहा है और इसके बाद कब्जा किया जा रहा है। वहीं राजस्व विभाग के अधिकारी इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे नाराज होकर उरांव जनजाति समाज के लोग सोमवार को कलेक्टर जनदर्शन में गुहार लगाने पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि कब्जाधारी उनके पुर्वजों के अस्थियों को उखाड़कर फेंक रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, सरगुजा जिले के दरिमा तहसील अंतर्गत ग्राम शिवपुर के उरांव समाज के लिए गांव के बाहर ढाई एकड़ शासकीय जमीन को श्मशान घाट के लिए आरक्षित किया गया था। जनदर्शन में पहुंचे उरांव समाज के लोगों ने बताया कि गांव के दबंगों के द्वारा आरक्षित भूमि से उनके पुर्वजों की अस्थियां निकालकर फेंक दिया जा रहा है और उक्त जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारी नहीं दे रहे दस्तावेज
ग्रामीणों ने शिकायत में बताया है कि शिवपुर में खसरा नंबर 615/2, 615/3 एवं 615/4 भूमि श्मशान के लिए आरक्षित है। उक्त भूमि के सीमांकन के लिए ग्रामीणों ने आवेदन दिया था। जिसपर नायब तहसीलदार दरिमा के आदेश के अनुसार 12 मार्च 2024 को जमीनों का सीमांकन किया गया। सीमांक में बताया गया कि 615/2, 615/3 भूमि रजवार एवं पनिका समाज के कब्रिस्तान के लिए आरक्षित है। खसरा क्रमांक 615/4 के 0.070 हेक्टेयर भूमि पर उरांव समाज का कब्रिस्तान है। इसका दस्तावेज तहसील कार्यालय द्वारा नहीं दिया जा रहा है। उक्त खसरा नंबर की भूमि पर ही गौठान भी बना हुआ है। उक्त भूमि के एक हिस्से पर गांव के दबंग कब्जा कर खेती कर रहे हैं। दस्तावेज दिलाने एवं जांच की मांग
उरांव समाज के लोगों ने श्मशान घाट के लिए आरक्षित भूमि पर कब्जा रोकने एवं भूमि का दस्तावेज दिलाने की मांग को लेकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है। कराएंगे जांच- अपर कलेक्टर
मामले में जनदर्शन में शिकायत सुन रहे अपर कलेक्टर जेआर सतरंग ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। श्मशान की जमीन से अतिक्रमण हटा दिया जाएगा। उक्त भूमि का दस्तावेज भी तैयार कर ग्रामीणों को सौंपा जाएगा।

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