बिलासपुर शहर से लगे मोपका की सरकारी जमीन पर 150 से अधिक लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। कलेक्टर के निर्देश पर बनी जांच कमेटी के सामने अब तक 105 लोगों ने दस्तावेज प्रस्तुत किया है, जिसमें उन्होंने जमीन को अपना होने का दावा किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकारी जमीन को किस सक्षम अधिकारी के निर्देश पर परिवर्तित किया गया है। जांच के बाद इसका खुलासा होगा। दरअसल, मोपका स्थित खसरा नंबर 992 और 993 की भूमि सरकारी है, जिस पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। मामला सामने आने पर कलेक्टर अवनीश शरण ने जांच के लिए 17 सदस्यीय टीम गठित की है। कमेटी ने जमीन का सीमांकन करने के साथ ही अवैध कब्जाधारियों को नोटिस जारी किया था, जिसमें अब तक 105 लोगों ने अपने दस्तावेज पेश कर कब्जे की जमीन पर अपना स्वामित्व बताया है। कमेटी में शामिल अफसर उनके दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। पता चला है कि सरकारी जमीन को परवर्तित किया गया है। राजस्व रिकार्ड में है छोटे-बड़े झाड़ का जंगल
मोपका की खसरा नं. जमीन 992 व 993 शासकीय दस्तावेजो में बड़े व छोटे झाड़ के जंगल के रूप में दर्ज है। उक्त खसरा नंबर तक 150 से अधिक लोगों का कब्जा है। शासकीय जंगल भूमि पर अवैध कब्जा करने का मामला सामने आने के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने एक जनवरी को जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने इसके लिए अपर कलेक्टर आरए कुरुवंशी की अध्यक्षता में 17 सदस्यीय टीम का गठन किया है। यह है टीम जो कर रही जांच
अपर कलेक्टर आरए कुरुवंशी के नेतृत्व में एसडीएम पीयूष तिवारी, डीप्टी कलेक्टर शिवकुमार कंवर, तहसीलदार मुकेश देवांगन, भू अभिलेख अधीक्षक चांदनी ध्रुव, सहायक भू अभिलेख अधीक्षक जवाहर सिंह उरांव, राजस्व निरीक्षक संगीता सिन्हा, संजय कौशिक, ममता तिर्की, सुशील अनंत एक्का, रमेश नायक, विजय जोशी, कैलाशनाथ मिश्रा, सुनील कश्यप, पटवारी धनंजय साहू, कृष्णा यादव, रविशंकर पांडेय और विरेंद्र बहादूर सिंह दस्तावेज सत्यापन कर करने में लगे हुए है। जांच के बाद कलेक्टर को सौंपेंगे रिपोर्ट
अफसरों ने बताया कि खसरा नं. 992 व 993 पर बेजा कब्जा की जांच चल रही है। अवैध कब्जाधारियों में 105 लोगों ने आवेदन के साथ दस्तावेज पेश किया है। टीम उनके दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही हैं। टीम के अधिकारियों ने बताया कि जांच के बाद रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी। जिसके बाद उनके निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद सामने आएंगे जिम्मेदारों के नाम
बताया जा रहा है कि खसरा नं. 992 व 993 को राजस्व अफसरों ने मद परिवर्तित कर शासकीय से नीजि बना दिया है। जिसके आधार पर जमीन की रजिस्ट्री के साथ दस्तावेज भू-स्वामियों को मिला है। ऐसे में टीम यह भी जांच कर रही है कि जिन लोगों के पास शासकीय जमीन का निजी दस्तावेज है, वो किस सक्षम अधिकारी के निर्देश पर परिवर्तित किया गया है। जांच में इसका खुलासा होने के बाद दोषी अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।