कांग्रेस की मेयर हेमा देशमुख का सामूहिक धर्म परिवर्तन कार्यक्रम में शामिल होने का वीडियो वायरल हो रहा है। इसके बाद बैकफुट पर आई नेता ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मैंने हिंदू विरोधी शपथ नहीं ली।
छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव की मेयर और कांग्रेस नेता हेमा देशमुख एक सामूहिक धर्म परिवर्तन कार्यक्रम में शामिल हुईं जिसके बाद बवाल मच गया है। इस कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कर्नाटक के नेता सतीश जारकीहोली की ‘हिंदू, एक भयानक शब्द’ टिप्पणी के बाद से पार्टी पहले ही मुश्किल में है। अब इस वीडियो ने पार्टी की टेंशन को और बढ़ाने का काम किया है।
छत्तीसगढ़ धर्म परिवर्तन कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ शपथ ली गई थी। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रतिभागियों को शपथ दिलाई गई है, ‘मैं कभी गौरी, गणपति या किसी अन्य हिंदू देवी-देवताओं का अनुसरण नहीं करूंगा और न ही कभी उनकी पूजा करूंगा। मुझे कभी विश्वास नहीं होगा कि वे भगवान के अवतार थे।’ धर्मांतरण का यह कार्यक्रम सोमवार को आयोजित हुआ था।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस का एकमात्र मंसूबा हिंदू धर्म के प्रति नफरत फैलाना है। हेमा देशमुख ने स्वीकार किया कि उन्होंने बौद्ध समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया था, लेकिन दावा किया कि उन्हें शपथ के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में हेमा देशमुख ने कहा, ‘आयोजन हर साल किया जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद थे। मुझे हिंदू विरोधी शपथ की जानकारी नहीं थी। मुझे लगा कि वे संविधान की शपथ ले रहे हैं। लेकिन जैसे ही उन्होंने हिंदू विरोधी बयान दिए, मैंने अपने हाथ नीचे कर लिए क्योंकि मैं एक हिंदू हूं और अपने देवी-देवताओं के खिलाफ बयान नहीं दे सकती। इसके बाद मैंने कार्यक्रम छोड़ दिया।’
बीजेपी भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आप नेताओं गोपाल इटालिया और राजेंद्र पाल द्वारा हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने के बाद कांग्रेस वोटबैंक के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की होड़ में खुद को अलग-थलग महसूस कर रही है। शहजाद ने कहा, ‘चाहे वो शिवराज पाटिल हों जिन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने जिहाद सिखाया या सतीश जकरीहोली जिन्होंने कहा कि हिंदू एक बुरा शब्द है, उनके खिलाफ जनेऊधारी कांग्रेस पार्टी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि यह कोई संयोग नहीं बल्कि एक संगठित प्रयास है।’ बता दें कि बुधवार को, कर्नाटक कांग्रेस के नेता सतीश जारकीहोली, जिन्होंने पहले ‘हिंदू’ शब्द को बुरा कहा था, ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी और इसे वापस ले लिया।