नीतीश कुमार की छवि भी निर्भर नेता वाली बनती दिख रही है। हाल ही में उन्होंने नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, कांग्रेस और वाम दलों का हाथ थामा था।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल 2024 चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुख्य दावेदार होंगे। उनके अलावा आम आदमी पार्टी के नेता भी इस तरह के दावे कर रहे हैं। अब सवाल उठता है कि जब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी जैसे नामों को लेकर चर्चाएं हैं, तो भी आप के दावे क्यों मजबूत नजर आ रहे हैं।

मजबूत सरकारें
कांग्रेस के अलावा आप ही है, जिसकी दो राज्यों में सरकार है। उत्तर और मध्य भारत के दो राज्यों में पार्टी की सरकारें हैं। दिल्ली में खुद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद संभाल रहे हैं। वहीं, हाल ही में पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी। जबकि, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड और तेलंगाना राष्ट्र समिति अभी राज्यों से बाहर नहीं निकल पाई हैं।

केजरीवाल से कौन पूछे सवाल
हर घर में तिरंगा, कट्टर ईमानदार और भारत को नंबर वन बनाने जैसी बाते कर रहे केजरीवाल भाजपा की योजनाओं को खासी चुनौती देते नजर आ रहे हैं। न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, आप को लगता है कि चुनावी तौर पर आप प्रमुख ने सभी सही बटन दबा दिए हैं। इधर, पार्टी में उनके दबदबे को भी चुनौती नहीं मिली है। इसके अलावा पार्टी कई राज्यों में उनके नाम और चेहरे पर वोट मांगती है।

अन्य संभावित उम्मीदवारों की क्या है स्थिति
टीएमसी:
 ममता बनर्जी ने गोवा और त्रिपुरा जैसे छोटे राज्यों में एंट्री की कोशिश की, लेकिन नतीजे खास नहीं रहे। वहीं, रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बनर्जी की अल्पसंख्यक तुष्टिकरण और गैर-हिंदी भाषी नेता की छवि होना उत्तर भारत में उनके लिए परेशानी पैदा कर सकता है।

टीआरएस: ममता की तरह ही केसीआर भी इन्हीं चुनौतियों का सामना करते दिख रहे हैं। तेलंगाना के बाहर उनकी पार्टी की पहुंच सीमीत ही नजर आती है। इसके अलावा भाजपा भी 2023 विधानसभा चुनाव के लिए खासी सक्रिय नजर आ रही है।

जदयू: बार-बार दलों का समर्थन बदल रहे नीतीश कुमार की छवि भी निर्भर नेता वाली बनती दिख रही है। हाल ही में उन्होंने नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, कांग्रेस और वाम दलों का हाथ थामा था। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो राजद और भाजपा के बाद नीतीश की जदयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी है।

कांग्रेस: पार्टी कई चुनावों से हार का सामना कर रही है। इसके अलावा कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर भी चर्चाएं जारी हैं। अभी भी पार्टी के शीर्ष पद के लिए उम्मीदवार के नाम को लेकर जानकारी सामने नहीं आई है। इसके अलावा भाजपा साल 2014 और 2019 में राहुल गांधी से मिली चुनौतियों से पार पा चुकी है।

केजरीवाल के तरीके और चुनावी तैयारियां
न्यूज18 के अनुसार, भाजपा नेता निजी तौर पर मानते हैं कि केजरीवाल अन्य नेताओं की तरह पीएम मोदी का सामना पारंपरिक तरीकों से नहीं करते हैं। इसके अलावा आप का गुजरात, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में तेज चुनावी अभियान जारी है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि अब भाजपा के खिलाफ कांग्रेस को हटाकर आप मुख्य विपक्षी दल बनने की तैयारी कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *