छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले में ASP के गनमैन डोमन वर्मा और उनके परिवार का ग्रामीणों ने बहिष्कार कर दिया है। डोमन वर्मा और उनके परिवार के खिलाफ यह बहिष्कार जमीन विवाद से शुरू हुआ। उनके पिता चंद्रेश वर्मा और पड़ोसियों के बीच जमीन को लेकर विवाद हुआ। गांव की सियानो ने मामले को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों से 15-15 हजार रुपए अमानत के रूप में जमा कराए। लेकिन जब चंद्रेश वर्मा ने गांव के फैसले को मानने से इनकार किया, तो उनकी जमा राशि भी नहीं लौटाई गई और उनका परिवार समेत हुक्का-पानी बंद कर दिया गया। जब मामला प्रशासन तक पहुंचा, तो SDOP खैरागढ़ ने दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता कराया, लेकिन यह समाधान स्थायी नहीं रहा। इसके बाद गांव वालों ने फिर से वर्मा परिवार को बहिष्कृत करने का फैसला कर लिया। गांव से बहिष्कृत डोमन वर्मा का परिवार सामाजिक और मानसिक प्रताड़ना झेल रहा है। उनकी पत्नी यमुना वर्मा कहती हैं, ‘गांव वाले हमसे बात नहीं करते। तालाब पर नहाने जाते हैं, तो लोग मुंह फेर लेते हैं। गांव में भागवत हो रही है, लेकिन हमें बुलाया तक नहीं गया। जब दुकान पर सामान लेने जाते हैं, तो दुकानदार सामान देने से मना कर देता है। मेरे पति पुलिस में हैं, फिर भी उन्हें फंसाने की कोशिश हो रही है। गांव के लोग हम पर गंदे आरोप लगाते हैं। हम बहुत परेशान हैं और न्याय चाहते हैं।’ वहीं पूरे मामले में ग्राम पंचायत सेम्हरा की सरपंच लक्ष्मी बाई वर्मा ने कहा, ‘यह पंचायत का निर्णय नहीं है। यह 2 पक्षों का आपसी विवाद है। गांव वाले नाराज हैं, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है। पंचायत इसमें दोषी नहीं है।’ खैरागढ़ SDOP लालचंद मोहले ने कहा कि ‘हमें शिकायत मिली थी कि गांव वालों ने एक परिवार को बहिष्कृत कर दिया है। जमीन विवाद के चलते यह मामला हुआ। दोनों पक्षों को समझौते के लिए बुलाया गया था, लेकिन अब फिर से ऐसा हुआ है। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।’

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