लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की बेल सुप्रीम कोर्ट ने कैंसिल कर दी है। इसके साथ ही अदालत ने आशीष मिश्रा को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है। आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं, जिन पर कार से लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने का आरोप है, जो 3 अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे थे। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस फैसले पर भी सवाल उठाया, जिसके तहत आशीष मिश्रा को बेल दी गई थी। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हाई कोर्ट ने पीड़ित पक्ष का ध्यान नहीं रखा और अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करते हुए यह फैसला सुनाया।

चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने आशीष मिश्रा की बेल कैंसिल करने की मांग वाली अर्जी पर 4 अप्रैल को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले 14 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आशीष मिश्रा को बेल दे दी थी, जिस पर सवाल खड़े हुए थे। इस फैसले को चुनौती देते हुए लखीमपुर कांड में मारे गए किसाानों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। 3 अक्टूबर को लखीमपुर में हुई घटना में कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से 4 लोग भाजपा नेताओं के काफिले की कार से कुचले गए थे। इसके बाद भड़की हिंसा में एक पत्रकार समेत 4 अन्य लोग मारे गए थे।

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मामले को फिर से हाई कोर्ट के समक्ष भेज दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में यदि कोई नया मुद्दा उठता है तो फिर इलाहाबाद हाई कोर्ट में ही अपील दायर की जाए। गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद ही किया गया था। एसआईटी ने अपनी जांच में आशीष मिश्रा को लखीमपुर कांड का मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता बताया था। यही नहीं हाई कोर्ट की ओर से दी गई बेल पर भी एसआईटी की ओर से सवाल उठाया गया था। अब मिश्रा की बेल खारिज होने से एक बार फिर लखीमपुर खीरी कांड चर्चा में आ गया है।

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