छत्तीसगढ़ में मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में बारिश होगी। कुछ जगहों पर आकाशीय बिजली (गाज) भी गिर सकती है। पहाड़ी इलाकों में आम तौर पर गाज गिरने की घटनाएं अधिक होती हैं।

छत्तीसगढ़ में मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में बारिश होगी। कुछ जगहों पर आकाशीय बिजली (गाज) भी गिर सकती है। पहाड़ी इलाकों में आम तौर पर गाज गिरने की घटनाएं अधिक होती हैं। 9 जुलाई को सभी जिलों में बारिश के हालात बने हैं। द्रोणिका के प्रभाव से मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। आगामी 2 दिनों में बस्तर संभाग के जिलों में मैदानी इलाकों के मुकाबले अधिक बारिश होने के आसार हैं।

मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक मॉनसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, जबलपुर, पेंड्रा रोड, कलिंग पटनम, उत्तर पश्चिम और उससे लगे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी से होते हुए पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी, दक्षिण तटीय ओडिशा तथा तटीय उत्तर आंध्र प्रदेश के ऊपर 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक फैली है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश से लगे छत्तीसगढ़ के जिलों में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है।

एक-दो स्थानों पर भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने 9 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है। वहीं प्रदेश में गरज चमक के साथ एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश होने तथा वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश के दक्षिणी जिलों यानी बस्तर संभाग में भारी वर्षा होने तथा दक्षिण छोर में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। राहत आयुक्त ने प्रदेश के लोगों को मौसमी घटनाओं से अपडेट रहने और सतर्कता बरतने को कहा गया है। शुक्रवार को राजनांदगांव में अधिकतम तापमान 34 डिग्री दर्ज किया गया।

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