छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के गृह विधानसभा क्षेत्र मनेंद्रगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई है। मनेंद्रगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति इतनी खराब है कि यहां प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को पुरुषों के शौचालय का इस्तेमाल करने को मजबूर होना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, महिला वार्ड में बने शौचालय पर ताला लगा हुआ है, जिससे महिला मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। कई बार ऐसी स्थिति भी बनती है जब पुरुष और महिलाएं एक ही समय में शौचालय में पहुंच जाते हैं, जो महिलाओं के लिए गंभीर चिंता का विषय है। अस्पताल में डॉक्टरों की कमी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, आवश्यक दवाइयों की अनुपलब्धता और साफ-सफाई का अभाव आम बात हो गई है। अपनी पत्नी को प्रसव के लिए अस्पताल ले लाए कछौड़ गांव के कमलेश कुमार ने बताया कि एक सामान्य अस्पताल में मिलने वाली बुनियादी सुविधाएं भी यहां नहीं है। स्थानीय महिलाओं ने मंत्री और कलेक्टर को चुनौती दी है कि वे एक बार अस्पताल के शौचालय का इस्तेमाल करके देखें। उनका कहना है कि अस्पताल बाहर से भले ही चमचमाता दिखे, लेकिन अंदर की स्थिति बेहद खराब है। यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि यह क्षेत्र स्वयं स्वास्थ्य मंत्री का गृह क्षेत्र है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की ऐसी दुर्दशा आम जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरती। बीएमओ का बेतुका जवाब जब इस मामले पर बीएमओ एसके सिंह से बात की गई, तो उन्होंने बचाव में अजीब बयान दिया। उन्होंने कहा, महिला वार्ड का शौचालय निर्माणाधीन है। निर्माण एजेंसी को काम पूरा करने के लिए रिमाइंडर भेजा गया है। जल्द ही काम पूरा कर लिया जाएगा। पुरानी समस्याओं का समाधान अधूरा साफ-सफाई की समस्या के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि शौचालय में ताला इसलिए लगाया गया है, ताकि कोई बाहरी व्यक्ति इसका दुरुपयोग ना करे। यह बयान अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को छिपाने की कोशिश के सिवाय कुछ नहीं है। सुरक्षा व्यवस्था का अभाव अस्पताल में रात के समय सुरक्षा के लिए कोई गार्ड तैनात नहीं है। कुछ समय पहले हुई घटनाओं के बावजूद जिला प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह असंवेदनशील है। जनता के साथ विश्वासघात मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जनता, जिन्होंने विधायक श्याम बिहारी जायसवाल पर भरोसा जताया था, अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले की यह बदहाल स्थिति सरकार की नाकामी को उजागर करती है। ग्रामीण जनता अब सवाल पूछ रही है कि विकास के बड़े-बड़े दावों का क्या हुआ?