छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में जाली अंक सूची जारी करने वाले हेडमास्टर को निलंबित किया गया है। लेकिन गड़बड़ी में सहभागिता निभाने वाले अफसरों को जांच टीम में शामिल कर लिया गया।इसलिए सहायिका भर्ती में जाली अंक सूची मामले में केवल प्रधान पाठक पर ही कार्रवाई हुई। जांच में नियुक्ति में गड़बड़ी के जिम्मेदार अन्य अफसर की भूमिका पर जानबूझ कर पर्दा डाला गया, निलंबित प्रधान पाठक बोला 13 सितंबर आवेदन लेने की अंतिम तिथि थी। बीईओ के आदेश पर मार्कशीट 30 सितंबर को जारी किया। फर्जी मार्कशीट से हासिल की नौकरी देवभोग के पूंजीपारा में आंगनबाड़ी भर्ती में फर्जी अंक सूची के सहारे भर्ती का मामला दैनिक भास्तर की टीम ने 21 नवंबर को उजागर किया था। हमने बताया था कि कक्षा 8वीं के 85 प्रतिशत अंक वाले जिस मार्कशीट के सहारे पूंजीपारा आंगनबाड़ी में तारिणी बघेल ने नौकरी हासिल की है। असली अंकसूची में उनके 81 प्रतिशत अंक का उल्लेख है। इस खबर पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने मामले की जांच का जिम्मा देवभोग एसडीएम को दिया था। मामले में जिला शिक्षा अधिकारी व जिला महिला बाल विकास विभाग के साथ संयुक्त टीम बना कर मामले की जांच शुरू की गई। 5 दिसंबर 2024 को कलेक्टर को जांच प्रतिवेदन कमेटी ने सौंप दिया। प्रतिवेदन में बताया गया कि बाड़ीगांव कन्या मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक द्वारा कूटरचित कर तैयार किए गए अंक तालिका के आधार पर तारिणी बघेल ने सहायिका की नौकरी हासिल कर ली।इसी रिपोर्ट के आधार पर महिला बाल विकास विभाग ने तारिणी को बर्खास्त कर दिया। वही संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय ने 31 दिसंबर को जारी आदेश में प्रधान पाठक जोगेंद्र कश्यप को निलंबित कर दिया। महासमुंद जिले के सरायपाली ब्लॉक कार्यालय अटैच कर बलौदाबाजार के शिक्षा अधिकारियों की टीम बनाकर प्रधान पाठक पर विभागीय जांच बिठा दिया गया। नंबर बढ़ाने अधिकारियों ने दबाव बनाया ​- हेड मास्टर इस मामले में निलंबित प्रधान पाठक जोगेंद्र कश्यप ने कहा कि सहायिका भर्ती प्रकिया में आवेदन लेने की अंतिम तारीख 13 सितम्बर था। 24 सितंबर को तारिणी द्वारा लिखित मांग के आधार पर अंक तालिका दिया गया। 30 सितंबर को डीईओ कार्यालय के लेटर हेड से बीईओ देवभोग द्वारा किए गए निर्देश पर अंक सूची की द्वितीय प्रतिलिपि 1 अक्टूबर को दी गई। जोगेंद्र ने कहा कि अंक बढ़ाने उसे उच्च अधिकारी ने दबाव बनाए। रिकॉर्ड रजिस्टर को एक दिन के लिए बीईओ ऑफिस में छोड़ा गया था,81 प्रतिशत को 85 प्रतिशत बनाने रिकॉर्ड में सफेदा बीईओ दफ्तर में लगाया गया है। हालांकि, बीईओ देवनाथ बघेल ने प्रधान पाठक के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे निराधार बताया है। देवभोग SDM तुलसी दास मरकाम ने कहा कि निर्देश के मुताबिक जांच कर रिपोर्ट कलेक्टर को भेज दिया गया है। जो दोषी पाए गए उन पर कार्रवाई भी कर दिया गया है। दोबारा जांच की जरूरत हुई तो करेंगे, जो भी दोषी होंगे कार्रवाई की अनुशंसा कर भेज दी जाएगी।

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